बुजुर्गों में दिखा मतदान के प्रति उत्साह, कोई लाठी-बैसाखी तो कोई व्हीलचेयर के सहारे पहुंचा मतदान केंद्र
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ऊना .भले ही आयु 80 या 90 के पार हो चुकी हो लेकिन अपना विधायक चुनने के लिए बुजुर्गों में काफी उत्साह दिखा। लोकतंत्र के इस महापर्व में कोई लाठी का सहारा लेकर, कोई बैसाखी, कोई व्हीलचेयर पर तो कोई अपने परिजनों के साथ मतदान केन्द्रों पर मतदान करने के लिए पहुंचा। व्हीलचेयर पर आए मतदाताओं को मतदान केन्द्र तक पहुंचाने में पुलिस कर्मियों ने भी मदद की। जिले के गांव ईसपुर से 103 वर्षीय माया देवी ने लाठी का सहारा लिए अपने पुत्र फतेह सिंह व पौत्र महेश कंग के साथ मतदान केन्द्र पर अपने मत का प्रयोग किया। उसका पुत्र फतेह सिंह भी हाथों में लाठी थामे हुए मतदान के लिए पहुंचा। 103 वर्षीय माया देवी ने कहा कि उन्होंने मतदान कर अपने कर्तव्य का निर्वहन किया है। भदसाली गांव की 90 वर्षीय ब्रह्मी देवी व वतनी देवी ने परिजनों के साथ मतदान केंद्र पर पहुंचकर मतदान किया।
ऊना निवासी 97 वर्षीय दुलुम्बी देवी अपने पौत्र तेजा राम के साथ ब्याय स्कूल में स्थापित मतदान केंद्र तक वोट करने के लिए पहुंचीं। उसके पौत्र तेजा राम ऑटो चालक हैं और वह अपनी दादी को मतदान के लिए ऑटो में लेकर पहुंचे हुए थे। दुलुम्बी देवी ने कहा कि चाहे बीमार हों या चला नहीं जा रहा हो, हमें अपना वोट अवश्य डालना चाहिए। गांव रैंसरी के 88 वर्षीय किशोरी लाल धीमान अपने बेटे सुरेश धीमान के साथ मतदान करने बूथ पर पहुंचे। उनकी तबीयत ठीक नहीं थी। किशोरी लाल ने कहा कि उन्होंने अपने पसंदीदा प्रत्याशी को विधायक बनाने के लिए अपने मत का प्रयोग किया है। गांव रैंसरी के 83 वर्षीय अमरनाथ पुत्र हंसराज लाठी के सहारे मतदान केंद्र पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि विधायक चुनने का मौका 5 वर्ष के बाद आता है और इसे गंवाना नहीं चाहिए। कोटला कलां से 95 वर्षीय सीतो देवी, 95 वर्षीय धर्मो देवी, 78 वर्षीय चरणो देवी, 82 वर्षीय कृष्णा देवी, 75 वर्षीय रामआसरा, 76 वर्षीय बलवंत कौर, गांव टक्का के 95 वर्षीय तीर्थ राम ने भी विभिन्न मतदान केन्द्रों पर पहुंचकर अपने-अपने मत का प्रयोग किया।