किन्नौर के शलखर में बादल फटा, करोड़ों की सरकारी व निजी सम्पत्ति तबाह
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रिकांगपिओ। जिला किन्नौर में सोमवार शाम को पूह खंड के तहत शलखर गांव में बादल फटने से आई बाढ़ के कारण सरकारी व निजी सम्पत्ति का करोड़ों का नुक्सान हुआ है। बादल फटने के कारण नालों में आई इस बाढ़ के कारण काजा की तरफ राष्ट्रीय उच्च मार्ग-505 भी पूरी तरह अवरुद्ध हो गया था, जिसे मंगलवार को दोपहर बाद बहाल कर दिया गया है। हालांकि सोमवार देर शाम को उक्त क्षेत्र में बारिश तो रुक गई थी, परंतु रात भर लोग फिर से बाढ़ आने के खतरे से सहमे रहे। वहीं मंगलवार सुबह राजस्व विभाग की टीम द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर नुक्सान का आकलन किया जा रहा है।
बादल फटने से 8 नालों में आ गई थी बाढ़
बता दें कि सोमवार शाम को शलखर के ऊपरी क्षेत्र में बादल फट गया था, जिससे शलखर व चांगों क्षेत्र के लगभग 8 नालों में बाढ़ आ गई थी तथा शलखर गांव में मलबा भर गया था। वहीं मंगलवार सुबह बीआरओ व लोक निर्माण विभाग ने मशीनरियों व मजदूरों के साथ सड़क मार्ग व गांव से मलबा हटाने का काम युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया तथा ग्रामीण भी अपने-अपने मकानों के अंदर से मलबा निकालने में जुटे रहे। वहीं शलखर प्रधान सुमन लता ने बताया कि शलखर गांव में 35 मकानों को बाढ़ से क्षति पहुंची है, तो वहीं 60 लाख के करीब सेब के बगीचों को भी नुक्सान हुआ है तथा सरकारी व गैर-सरकारी मिलाकर लगभग एक करोड़ की सम्पत्ति के नुक्सान का अनुमान है। उन्होंने यह भी बताया कि मंगलवार शाम को भी क्षेत्र में हल्की बारिश होने से नालों में जलस्तर बढ़ा परंतु उससे किसी तरह का नुक्सान नहीं हुआ है।
10 घंटे बाद बहाल हुआ एनएच
वहीं कार्यवाहक उपायुक्त किन्नौर सुरेंद्र सिंह राठौर ने बताया कि पूह खंड के शलखर व चांगो में सोमवार को बाढ़ आने से हुए नुक्सान के आकलन के लिए मंगलवार सुबह राजस्व विभाग की टीम को मौके पर भेजा गया है तथा अभी तक जो आकलन की रिपोर्ट आई है उसके अनुसार लगभग 11 मकानों को क्षति पहुंची है। उन्होंने यह भी बताया कि इसके अतिरिक्त बाढ़ से आए हुए मलबे के कारण लगभग 3 वाहन भी दब गए थे, जिन्हें निकाल दिया गया है तथा ग्रामीणों के बगीचे व खेत भी मलबे से भर गए हैं, जिसके नुक्सान की रिपोर्ट उद्यान विभाग द्वारा बनाई जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि लगभग 10 घंटे बाद ग्रिफ द्वारा राष्ट्रीय उच्च मार्ग को तथा लोक निर्माण विभाग द्वारा शलखर संपर्क मार्ग को भी बहाल कर दिया गया है तथा बागवानी, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे नुक्सान का आकलन तैयार कर रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करें ताकि ग्रामवासियों को बाढ़ से नुक्सान का मुआवजा शीघ्र प्रदान किया जा सके। उन्होंने पर्यटकों से भी आह्वान करते हुए कहा है कि बरसात के मौसम को देखते हुए ही यात्रा करें तथा प्रशासन द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें।
वन निगम उपाध्यक्ष ने लिया नुक्सान का जायजा
उधर, प्रदेश वन विकास निगम के उपाध्यक्ष सूरत नेगी ने किन्नौर जिले के पूह उपमंडल के शलखर गांव में गत शाम बादल फटने से आई बाढ़ के कारण हुए नुक्सान का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने गांव में पहुंचकर तथा प्रभावितों से मिलकर बाढ़ से खेतों व घरों के हुए नुक्सान का जायजा लिया तथा गांव वासियों को आश्वासन देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन नुक्सान की भरपाई के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। उन्होंने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि भारी बारिश से किसानों व बागवानों को हुए नुक्सान की रिपोर्ट शीघ्र तैयार करें ताकि गांव वासियों को हुए नुक्सान की भरपाई में सहायता प्रदान की जा सके। इस दौरान नायब तहसीलदार व लोक निर्माण विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।