शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला जिले की कोटखाई तहसील की क्यारी पंचायत में बीते दिनों भारी बारिश से हुए भारी नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने वहां भू-स्खलन से क्षतिग्रस्त मकानों और सड़कों का मौके पर जायजा लिया। सड़क के पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने के कारण मुख्यमंत्री लगभग एक किलोमीटर तक पैदल चलकर क्यारी बाजार तक पहुंचे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार आपदा से पीड़ित लोगों के साथ है तथा प्रभावित लोगों को सरकार द्वारा हरसंभव सहायता प्रदान की जा रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बागवानों का सेब मंडियों तक पहुंचाने के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने उपायुक्त शिमला को निर्देश दिए कि जिन लोगों के मकानों को नुकसान पहुंचा है और जिनके घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन सभी को एक-एक लाख रुपए फौरी राहत के तौर पर प्रदान किये जाएं। उन्होंने कहा कि जिन प्रभावित परिवार को अभी तक पांच हजार रुपए प्रदान किये गये हैं, उन्हें राज्य सरकार द्वारा 95 हजार रुपए और दिए जाएंगे।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बागवानों के उत्पादों को मंडियों तक पहुंचाने के लिए जुब्बल-कोटखाई में युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जुब्बल-कोटखाई क्षेत्र में सड़कों को खोलने के लिए 4 करोड़ रुपए जारी किए हैं तथा विभिन्न कार्यों की टेंडर प्रक्रिया को सात दिन में पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बागवानों के सेब को सुरक्षित रखने के लिए सेब क्षेत्र में अधिक से अधिक कोल्ड स्टोर बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार दिल्ली के कुंडली में भी कोल्ड स्टोर बनाने जा रही है जहां बागवान अपने सेब का भंडारण कर सकेंगे।
उन्होंने लोक निर्माण विभाग को क्यारी बाजार तक सड़क मार्ग को नौ दिन में सुचारू करने के निर्देश दिए तथा बागवानों को विश्वास दिलाया कि सरकार उनके उत्पाद को मंडियों तक पहुंचाना सुनिश्चित करेगी ताकि उन्हें किसी प्रकार का नुक्सान न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह दोषारोपण की राजनीति नहीं करना चाहते, लेकिन बागवान के सेब नालों में फेंकने की खबर दिल्ली तक वायरल की गई।
उन्होंने कहा कि आपदा के समय वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, लेकिन विधानसभा के मॉनसून सत्र में विपक्ष को बताया जाएगा कि उनके समय में क्या स्थिति थी। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने क्यारी के साथ अपने सम्बंधों को साझा करते हुए कहा कि क्यारी के स्थानीय देवता बौंदरा देवता नादौन से ही यहां आए हैं, इसलिए भी यहां लोगों के साथ उनका घर का नाता है। उन्होंने कहा कि वह 1982 में भी कोटखाई के थरोला में आ चुके हैं। उस समय उन्होंने मराथू से थरोला तक पैदल यात्रा की थी। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री का स्वागत किया तथा क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।