पालमपुर। चीन को पछाड़कर विश्व में सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश बनना भारत के लिए प्रसन्नता की नहीं अपितु भयंकर चिंता और अंधकारमय भविष्य की बात है। ऐसे में जनसंख्या रोकने के लिए कड़े कदम नहीं उठाए गए तो भारत का भविष्य संकट में हो जाएगा। देश की जनता और राजनीतिक दल इस महत्वपूर्ण विषय पर जनमत जागृत करें ताकि देश अति शीघ्र बढ़ती आबादी को रोकने के लिए कानून बनाए। यह सुझाव पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने दिया है। शांता कुमार के अनुसार भारत विश्व के 5 अमीर देशों में शामिल हो गया। विश्व में सबसे अधिक तेजी से बढ़ती भारत की अर्थव्यवस्था बन गई। अमीरों की संख्या बहुत बढ़ गई परंतु जहां भारत विश्व में सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन गया, वहीं भारत दुनिया में सबसे अधिक गरीब और भूखे लोगों का देश भी है। ग्लोबल हंगर इंडैक्स की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 19 करोड़ 40 लोग भूखे पेट सोते हैं।
शांता कुमार के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गरीबी और बेरोजगारी को दूर करने के लिए पूरा प्रयास किया। भारत की जनसंख्या 1947 में 35 करोड़ थी जो बढ़कर वर्तमान में 142 करोड़ हो चुकी है। शांता कुमार ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकास हो रहा है परंतु विकास का लाभ बढ़ती जनसंख्या का दानव निगल रहा है। परिणाम यह है कि विकास हो रहा है, एक तरफ अमीरी चमक रही है और दूसरी ओर गरीबी सिसक रही है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि उत्तर प्रदेश और आसाम के दो भाजपा प्रदेशों में जनसंख्या नियंत्रण के लिए पहल की है, कमेटियां बनाई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष लाल किले से 15 अगस्त के भाषण में जनसंख्या विस्फोट पर चिंता व्यक्त की थी परंतु उसके बाद कुछ किया नहीं। शांता कुमार के अनुसार बेरोजगारी बढ़ रही है, चपड़ासी पद के लिए बीए और एमए पास अभ्यर्थियों की सूची में खड़े हो रहे हैं, कुछ निराश और हताश युवा अपराध की दुनिया में जा रहे हैं या आत्महत्या कर रहे हैं। बढ़ती आबादी के कारण जंगल कट रहे हैं और पशु नगरों में प्रवेश कर रहे हैं। वर्ल्ड क्वालिटी रिपोर्ट के अनुसार भारत विश्व का आठवां सर्वाधिक प्रदूषित देश बन गया। देश की राजधानी दिल्ली की जनसंख्या लगभग एक करोड़ और गाड़ियाें की संख्या डेढ़ करोड़ है। इससे प्रदूषण बढ़ रहा है। लगभग 7000000 लोग प्रतिवर्ष इस प्रदूषण के कारण मौत का ग्रास बन रहे हैं।