CU के लिए लड़ी जाएगी लड़ाई, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री के समक्ष रखा जाएगा पक्ष: किशन कपूर
धर्मशाला। सांसद किशन कपूर ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय पर आई रिपोर्ट चिंताजनक है। जो रिपोर्ट आई है, यह अंतिम रिपोर्ट नहीं है और न ही फाइनल है। ऐसी रिपोर्ट्स पहले भी आती रही हैं। वह वीरवार को दिल्ली जाकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री के समक्ष सीयू के मामले को उठाएंगे। केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए जदरांगल में प्रस्तावित जमीन को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की ओर से इस भूमि को सही न ठहराए जाने के सवाल पर सांसद किशन कपूर ने यह बात कही। धर्मशाला में प्रैस वार्ता के दौरान सांसद किशन कपूर ने कहा कि जब यह रिपोर्ट बनी थी तो उसमें प्रदेश के अधिकारी भी शामिल थे। यदि रिपोर्ट में कोई गलती हुई है तो प्रदेश के अधिकारी क्यों चुप रहे। पहले भी सीयू की लड़ाई लड़ी है तथा अब फिर से सीयू की लड़ाई लड़ी जाएगी। वर्ष 2021 में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में जदरांगल की भूमि को रद्द करने की बात पर तत्कालीन केंद्रीय शिक्षा मंत्री के समक्ष मुद्दा उठाकर पुन: सर्वे करवाया गया था।
किशन कपूर ने बताया कि कांगड़ा घाटी रेलवे लाइन अंग्रेजों के समय की बनी है। उसके बाद इस पर कोई कार्य नहीं हुआ। अब अमृत काल में पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेलवे लाइन पर बैजनाथ, पपरोला और पालमपुर रेलवे स्टेशन विश्व स्तरीय बनेंगे। कांगड़ा घाटी में चलने वाली रेलगाड़ी में एसी डिब्बे बनाए जाएंगे। 2 डिब्बे ऐसे होंगे, जिनमें शीश लगा होगा, जिससे कि कांगड़ा घाटी रेलगाड़ी में आने वाले पर्यटक धौलाधार की पहाडिय़ों को रेलगाड़ी से निहार सकें। वहीं केंद्र की ओर से हिमाचल के लिए पहली बार 1838 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है। चक्की खड्ड में क्षतिग्रस्त हुए रेलवे ब्रिज का निर्माण भी इसी बजट से करवाया जाएगा। कांगड़ा घाटी नैरोगेज रेल लाइन को ब्रॉडगेज करने का मुद्दा पूर्व में रहे सांसद शांता कुमार और चौधरी चंद्र कुमार ने उठाया, जिसके लिए सर्वे वर्ष 2021 में पूरा हुआ है। कांगड़ा घाटी रेलवे लाइन के 100 वर्ष पूर्ण होने पर रेलवे विभाग इसे हैरिटेज का दर्जा देने की प्रक्रिया शुरू करेगा।