शिमला। हिमाचल प्रदेश की बंजर पहाड़ियां अब हरी-भरी होंगी। इसके लिए राज्य सरकार की कैम्पा के तहत बंजर वन क्षेत्रों में पौधारोपण की योजना है। इसके लिए प्रदेश के सभी 12 जिलों में 256 हैक्टेयर से अधिक बंजर भूमि क्षेत्र को चिन्हित किया गया है। इस भूमि पर रोपित पौधों के उचित रखरखाव को आगामी 5 सालों के दौरान सुनिश्चित किया जाएगा। इस कार्य के लिए सरकार 8.83 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान करेगी। बंजर भूमि पर पौधे लगाने का उद्देश्य हरित राज्य के लक्ष्य को प्राप्त करना है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए स्थानीय प्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। पौधारोपण के उपरांत संबंधित उपमंडलाधिकारियों को निगरानी प्रक्रिया में सम्मिलित किया जाएगा। बंजर भूमि पर संबंधित क्षेत्र की जलवायु परिस्थितियों के अनुसार पौधे रोपित किए जाएंगे।
इनके संरक्षण के लिए नियुक्त कर्मचारियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही भी सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्ष 2023-24 में प्रदेश के प्रत्येक वन मंडल में एक मॉडल नर्सरी विकसित की जाएगी। इन सभी 45 नर्सरियों में केंचुआ खाद इकाई, पॉलीहाऊस, ग्रीनहाऊस, सिं्प्रकलर, रूट ट्रेनर्स और टिशू कल्चर लैब इत्यादि की सुविधा होगी। यह घोषणा उन्होंने हिमाचल प्रदेश राज्य प्रतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन और योजना प्राधिकरण की शासी निकाय की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए की। उन्होंने कहा कि इससे नर्सरी की अधोसंरचना को सुदृढ़ करने में सहायता मिलेगी। नर्सरी तैयार करने वाले कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा और यह देशभर में किए जा रहे नवीन कार्यों को सांझा करने के लिए उत्कृष्ट केन्द्र साबित होंगे। बैठक में मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, प्रधान सचिव वन ओंकार चंद शर्मा, प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन्य जीव) राजीव कुमार, सहायक प्रधान मुख्य अरण्यपाल एवं कैम्पा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नागेश गुलेरिया व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।