दुराचार के आरोप से जुड़े मामले में 2 डॉक्टरों की जमानत याचिका खारिज
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शिमला। प्रदेश उच्च न्यायालय ने नाबालिग से दुराचार के आरोप से जुड़े एक मामले में 2 डॉक्टरों की जमानत याचिका खारिज कर दी। न्यायाधीश सत्येन वैद्य ने अभियोजन पक्ष द्वारा न्यायालय के समक्ष पेश किए गए रिकॉर्ड का अवलोकन के पश्चात यह पाया कि प्रथम दृष्टया दोनों आरोपियों का इस अपराध में शामिल होना प्रतीत होता है, जिस कारण उन्हें जमानत पर छोड़ा जाना कानूनी तौर पर वाजिब नहीं होगा।
अभियोजन पक्ष द्वारा न्यायालय को बताया गया कि दोनों आरोपियों ने नाबालिग से दुराचार किया, जिस कारण पुलिस स्टेशन पांवटा साहिब में दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 506 व पोक्सो एक्ट की धारा 6 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया। दोनों आरोपियों के खिलाफ 6 अगस्त, 2022 को सक्षम न्यायालय के समक्ष अभियोग चलाने के लिए चालान पेश किया जा चुका है।
प्रार्थियों के अनुसार उन्हें इस मामले में झूठे तौर पर फंसाया गया है। कोर्ट ने रिकॉर्ड का अवलोकन करने के पश्चात पाया कि उक्त प्रकरण को लेकर प्राथमिकी दर्ज करवाने में भी देरी हो चुकी थी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्राथमिकी दर्ज करवाने में हुई देरी प्रार्थियों को जमानत पर रिहा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। विशेषत: जब इन दोनों के खिलाफ संगीन आरोप लगे हैं और इन दोनों का इस कृत्य में प्रथम दृष्टया संलिप्त होना प्रतीत होता है।