अब तक 538 करोड़ का नुकसान, 55 ट्रांसफार्मर बने शोपीस, प्रदेश में मानसून से 58 सडक़ें बंद

Update: 2022-08-02 07:39 GMT
शिमला
हमाचल प्रदेश में मानसून जानलेवा बन चुका है। राज्य आपदा प्रंबंधन प्राधिकरण की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में सोमवार को मानसून के कारण 58 सडक़ें बंद हो गई है। इसके अलावा 55 ट्रांसफार्मर और 42 वाटर सप्लाई की स्कीमें भी ठप है। रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश को मानसून के कारण अब तक कुल 538 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। इनमें से सबसे ज्यादा नुकसान पीडब्ल्यूडी व जलशक्ति विभाग को हुआ है। पीडब्ल्यूडी को 323 और जलशक्ति विभाग को 201 करोड़ रुपए के नुकसान का आंकलन है। वहीं , प्रदेश में मानसून के कारण 20 पक्के और 50 कच्चे मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए है। वहीं, 50 पक्के और 163 कच्चे मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए है।
32 दुकानें, सात लेबरशेड, 218 गोशालाओं और 14 घराटों को भी नुकसान पहुंचा है। हिमालच प्रदेश में मानसून के बीच बारिश का दौर जारी है। हालांकि सोमवार को राजधानी शिमला सहित प्रदेश के कई स्थानों पर मौसम साफ रहा, लेकिन प्रदेश के कई स्थानों पर बारिश भी दर्ज की गई है। मौसम विभाग की ओर से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते 24 घंटों के दौरान कांगड़ा जिला के मुख्यालय धर्मशाला में सर्वाधिक 137 एमएम बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा भराड़ी में 77, बैजनाथ में 68, नयनादेवी में 62, कुमारसैन व मशोबरा में 41-41, कसौली में 36, मंडी में 35, पंडोह में 34, पालमपुर व डलहौजी में 32-32 एमएम बारिश हुई है।
पांच तक यलो अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल का कहना है कि आने वाले एक हफ्ते प्रदेश में मौसम खराब रहेगा। पांच अगस्त तक प्रदेश में बारिश को लेकर यलो अलर्ट जारी किया है। बारिश के साथ-साथ प्रदेश के कई स्थानों में तूफान की चेतावनी भी जारी की गई है।

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