घुमारवीं, 04 जनवरी : प्रदेश में बारिश न होने के कारण किसान मायूस होने लगे है। रबी की फसल सूख कर पीली पड़ गई है। किसान वर्ग को बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है। कृषि विभाग की मानें तो अब तक 34 प्रतिशत फसल बर्बाद हो चुकी है। सूखे जैसी परिस्थिति पैदा हो गई है। किसानों को यह चिंता सताने लगी है कि पशुओं के चारे का प्रबंध कहां से होगा।
मौसम विज्ञान द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक इस बार सर्दी के मौसम में पिछले 10 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। कृषि विभाग के अनुसार बारिश न होने के कारण 12 करोड़ का नुकसान हो चुका है। अगर कुछ दिनों में बारिश नहीं होती है, तो यह आंकड़ा दुगना होगा।
कृषि विभाग के अनुसार जिला में इस बार 28.179 हेक्टेयर में रबी की फसल बीजी गई है। जिसमें 25 हजार हेक्टेयर पर गेहूं 300 हेक्टेयर, जौ 30 हेक्टेयर, चना मसूर 100 हेक्टेयर, मटर 500, सब्जियां 1490 हेक्टेयर, आलू 50 हेक्टेयर, तिलहन 140 हेक्टेयर में बीजे गए है।
विभाग की ओर से जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार अभी तक 28179 हेक्टेयर में से 8300 हेक्टेयर में फसल बारिश न होने से प्रभावित हुई है। इस बार 81.755 मीट्रिक टन फसल का उत्पादन लक्ष्य निर्धारित किया गया था। अभी तक 62084 क्विंटल फसल प्रभावित हो चुकी है। इसमें सदर उपमंडल में 1500 हेक्टेयर स्वारघाट, 800 हेक्टेयर झंडूता, 2800 हेक्टेयर घुमारवीं, 3200 हेक्टेयर में रबी की फसल का नुकसान हुआ है।
जिला में केवल 8 प्रतिशत भूमि सिंचाई सुविधा उपलब्ध है। बाकी सारी फ़सल बारिश के होने पर निर्भर करती है। कृषि विभाग उप निदेशक डॉ प्राची का कहना है कि जिले में रबी की फसल को 34 प्रतिशत नुकसान हो चुका है। जिसका आकलन 12.50 करोड़ के लगभग है। इसकी रिपोर्ट तैयार करके सरकार को भेज दी गई है। यह स्थिति बारिश न होने के कारण पैदा हुई है।