पानीपत। हरियाणा के पानीपत जिले में शुक्रवार को दो बाल विवाह रुकवाए गए। एक तरफ 16 साल की लड़की की 28 साल के लड़के से करवाई जा रही थी। दूसरी तरफ 19 साल के लड़के की शादी 22 साल की लड़की से करवा रहे थे। दोनों बाल विवाह की सूचना मिलने पर बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता द्वारा संज्ञान लिया गया। दोनों मामलों में अधिकारी ने लिखित तौर पर शादी न करने के बारे में एफिडेविट लिया। वहीं, नाबालिग लड़की की बड़ी बहन के भागने पर इज्जत बचाने के लिए व पौते को खिलाने की चाहत में नाबालिग लड़के की शादी की जा रही थी।
अधिकारी रजनी गुप्ता ने बताया कि शुक्रवार सुबह फोन के माध्यम से सूचना मिली कि जाटल रोड पर एक नाबालिग लड़के का बाल विवाह होने जा रहा है। सूचना मिलने पर एक टीम को तुरंत मौके पर भेजा गया। मौके पर लड़के पक्ष ने मां ने बताया कि उसके चार बच्चे हैं। दो बड़ी बेटियां है। मंझला बेटा 19 वर्षीय है। उसकी शादी यूपी के जिला बागपत में होनी सुनिश्चित हुई है। लड़की की उम्र 22 साल है।
बारात शनिवार को जानी थी। लड़का नाबालिग होने की वजह उन्हें महिला थाना स्थित बाल विवाह निषेध अधिकारी कार्यालय में बुलाया गया। लड़का पक्ष की तरफ से उम्र का दस्तावेज आधार कार्ड पेश किया गया, जिसमें लड़के की उम्र 19 साल थी। अधिकारी द्वारा लड़का पक्ष को उसके 21 साल की उम्र तक शादी न करने की हिदायत देते हुए लिखित में लिया गया कि वे उसके बालिग होने तक शादी नहीं करेंगे।
पिता रहते हैं बीमार, तो पौते को खिलाने की चाह में करवा रहे थे शादी
अधिकारी को दिए बयानों में मां ने बताया कि उसकी दोनों बड़ी बेटियां शादीशुदा है। पति दिल की बीमारी से ग्रस्त रहते हैं। इसी वजह पति की इच्छा थी कि वह अपने अंत समय में बेटे की शादी होते देखना चाहते हैं। साथ ही वह अपने पौते-पौतियों को गोद में खिलाना चाहते हैं। इसलिए बेटे की शादी 19 साल में करवा रहे थे।