पति-पत्नी के रिश्ते में कटुता है, वो रिश्ता मृत है तो उसका खत्म होना ही सही- हाईकोर्ट

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Update: 2022-07-20 17:29 GMT

चंडीगढ़। पति-पत्नी सात साल से अलग रह रहे हैं और उनके रिश्ते कटुता से भरे हुए हैं, तो यह रिश्ता एक मृत रिश्ता है। इस रिश्ते से अब किसी सुधार की संभावना नहीं है, ऐसे में यह रिश्ता खत्म होना ही उचित है। हाईकोर्ट की जस्टिस रितु बाहरी व जस्टिस मीनाक्षी आई मेहता ने यह टिप्पणी पंचकूला निवासी एक पति की तलाक की मांग को स्वीकार करते हुए की है। इस मामले में पति ने पंचकूला फैमिली कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उसकी तलाक की मांग को खारिज कर दिया गया था।

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): पति-पत्नी सात साल से अलग रह रहे हैं और उनके रिश्ते कटुता से भरे हुए हैं, तो यह रिश्ता एक मृत रिश्ता है। इस रिश्ते से अब किसी सुधार की संभावना नहीं है, ऐसे में यह रिश्ता खत्म होना ही उचित है। हाईकोर्ट की जस्टिस रितु बाहरी व जस्टिस मीनाक्षी आई मेहता ने यह टिप्पणी पंचकूला निवासी एक पति की तलाक की मांग को स्वीकार करते हुए की है। इस मामले में पति ने पंचकूला फैमिली कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उसकी तलाक की मांग को खारिज कर दिया गया था।

पंचकूला कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए दायर हुई थी याचिका

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस मामले में पत्नी ने ससुराल पक्ष के लोगों को झूठे मामलों में फंसाने की हर तरह की कोशिश की व हर तरह का वो कदम उठाया जिसमें पति व उसके परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा खत्म हो जाए व समाज में मुंह दिखाने के काबिल न रहें। पत्नी की साजिश के तहत याचिकाकर्ता पति की गिरफ्तारी हुई और उसे सलाखों के पीछे जाना पड़ा। इससे बड़े पैमाने पर समाज की नजर में उनकी छवि और प्रतिष्ठा को नुकसान हुआ है। कोर्ट ने कहा कि पत्नी का यह कृत्य उसके पति के प्रति एक क्रूरता है । कोर्ट ने पंचकूला फैमिली कोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए पति की तलाक की अपील को स्वीकार किया।

याचिकाकर्ता पति ने बताया, पत्नी ने परिवार को किया परेशान

इस मामले में याचिकाकर्ता पति ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दायर अपील में आरोप लगाया था कि प्रतिवादी-पत्नी छोटी-छोटी बातों पर झगड़ती है। पत्नी अक्सर आत्महत्या करने की बात करती है। यहां तक कि उन्हें किसी झूठी शिकायत में फसाने की धमकी भी देती है। याचिकाकर्ता के अनुसार पत्नी ने उसकी मां और बहन के साथ-साथ उसके चाचा के खिलाफ महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन बाद में उसने पुलिस अधिकारियों के सामने एक बयान दिया कि वह अपनी शिकायत वापिस लेना चाहती है। इसके बाद उसने फिर से उसके व परिवार के सदस्यों के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज करवा दी। इस कारण पति को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि बाद में वह आरोपों से मुक्त हो गया। लेकिन इसके बाद भी पत्नी ने उसके व उसके परिवार के खिलाफ कई मामले दर्ज करवा दिए।

पत्नी के क्रूरतापूर्ण रवैया के चलते तलाक की अर्जी हुई मंजूर

सभी तथ्यों को देखने के बाद कोर्ट ने माना कि पत्नी का रवैया क्रूरतापूर्ण है और वो सात साल से अलग रह रहे है। इसलिए यह रिश्ता मृत है और इसमें कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही। इसी के साथ कोर्ट ने पति की तलाक की मांग को स्वीकार करने का फैसला जारी किया।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस मामले में पत्नी ने ससुराल पक्ष के लोगों को झूठे मामलों में फंसाने की हर तरह की कोशिश की व हर तरह का वो कदम उठाया जिसमें पति व उसके परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा खत्म हो जाए व समाज में मुंह दिखाने के काबिल न रहें। पत्नी की साजिश के तहत याचिकाकर्ता पति की गिरफ्तारी हुई और उसे सलाखों के पीछे जाना पड़ा। इससे बड़े पैमाने पर समाज की नजर में उनकी छवि और प्रतिष्ठा को नुकसान हुआ है। कोर्ट ने कहा कि पत्नी का यह कृत्य उसके पति के प्रति एक क्रूरता है । कोर्ट ने पंचकूला फैमिली कोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए पति की तलाक की अपील को स्वीकार किया।
याचिकाकर्ता पति ने बताया, पत्नी ने परिवार को किया परेशान
इस मामले में याचिकाकर्ता पति ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दायर अपील में आरोप लगाया था कि प्रतिवादी-पत्नी छोटी-छोटी बातों पर झगड़ती है। पत्नी अक्सर आत्महत्या करने की बात करती है। यहां तक कि उन्हें किसी झूठी शिकायत में फसाने की धमकी भी देती है। याचिकाकर्ता के अनुसार पत्नी ने उसकी मां और बहन के साथ-साथ उसके चाचा के खिलाफ महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन बाद में उसने पुलिस अधिकारियों के सामने एक बयान दिया कि वह अपनी शिकायत वापिस लेना चाहती है। इसके बाद उसने फिर से उसके व परिवार के सदस्यों के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज करवा दी। इस कारण पति को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि बाद में वह आरोपों से मुक्त हो गया। लेकिन इसके बाद भी पत्नी ने उसके व उसके परिवार के खिलाफ कई मामले दर्ज करवा दिए।
पत्नी के क्रूरतापूर्ण रवैया के चलते तलाक की अर्जी हुई मंजूर
सभी तथ्यों को देखने के बाद कोर्ट ने माना कि पत्नी का रवैया क्रूरतापूर्ण है और वो सात साल से अलग रह रहे है। इसलिए यह रिश्ता मृत है और इसमें कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही। इसी के साथ कोर्ट ने पति की तलाक की मांग को स्वीकार करने का फैसला जारी किया।

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