गुरुग्राम। अब तक पूरे देश में टीटू ते स्वीटी की शादी बतौर फिल्म चर्चा में थी, लेकिन गुड़गांव में हुई शेरू और स्वीटी की शादी सबसे ज्यादा चर्चा में आ गई है। यह एक ऐसी शादी है जिसमें शादी की सारी रस्में भी हुई, लेकिन यह रस्में लड़के और लड़की की शादी के लिए नहीं बल्कि स्ट्रे डॉग्स की शादी के लिए हुई, जिसमें पूरा मोहल्ला ही नहीं, बल्कि आसपास के जिलों में जिसे भी सूचना मिली वह पहुंच गया। इस शादी में आम लोगों की तरह शादी की रस्में करने के साथ-साथ दहेज भी दिया गया। दहेज में स्वीटी के परिवार वालों ने बकायदा, बर्तन और 2100 रुपए शेरू के परिवार वालों को दिए। इसके साथ ही दोनों को भात भी भरी गई।
दरअसल न्यू पालम विहार एरिया में एक दंपति ने तीन साल पहले एक फीमेल स्ट्रे डॉग को गोद लिया था। उनके बच्चे न होने के कारण उन्होंने इस फीमेल डॉग को अपनी बेटी बना लिया और उसका नाम स्वीटी रख दिया। जिस वक्त स्वीटी को गोद लिया गया उसकी टांग टूटी हुई थी, जिसके बाद दंपत्ति ने उसका इलाज करवाया। इसी तरह एक अन्य दंपति ने भी शेरू को पाला था। दोनों ने मिलकर पिछले दिनों शेरू और स्वीटी की शादी तय कर दी और बारात का दिन 13 नवंबर तय किया और मोहल्ले वालों को निमंत्रण भी दे दिया। इसके लिए बकायदा कार्ड भी प्रिंट करवाए गए।
गौर रहे कि तय तारीख पर घराती और बाराती तो पहुंच गए, लेकिन दूल्हा और दुल्हन दोनों ही फरार हो गए। कुछ देर तलाशने के बाद दुल्हन तो दूसरी गली में मिल गई, लेकिन दूल्हे का कुछ पता नहीं लगा। तीन घंटे तक जब दूल्हे शेरू का कुछ पता न लगा तो सबने यही मान लिया कि दूल्हा शादी का मंडप छोड़ कर फरार हो गया, जिसके बाद सभी मायूस हो गए। अभी बारात लौटने की तैयारी कर ही रहे थे कि अचानक एक व्यक्ति चिल्लाया कि दूल्हा मिल गया, जिसके बाद सभी का उत्साह देखने वाला था। वहीं रविवार रात को दोनों की सभी रस्मों के साथ शादी की गई। दोनों को वरमाला पहनाए जाने के साथ ही दूल्हे से दुल्हन की मांग भरवाई गई। हां कमी रही तो बस इतनी की दोनों के फेरे नहीं करवाए गए। इस समारोह में आए लोगों को बकायदा लड्डू भी खिलाए गए।