गणतंत्र दिवस पर हरियाणा की झांकी के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप के होंगे दर्शन
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चंडीगढ़। गणतंत्र दिवस समारोह में इस बार 26 जनवरी को कर्तव्य पथ पर हरियाणा की झांकी के माध्यम से पूरी दुनिया श्रीमद्भगवद्गीता के शाश्वत संदेश से रू-ब-रू होगी। इस वर्ष कर्तव्य पथ पर प्रदर्शन के लिए लगातार दूसरी बार हरियाणा की झांकी का चयन रक्षा मंत्रालय की विषेशज्ञ कमेटी द्वारा किया गया है जिसका थीम है-अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव। इस झांकी के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप के भी दर्शन होंगे। मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ अमित अग्रवाल ने बताया कि भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा गठित विषेशज्ञ कमेटी द्वारा प्रतिवर्ष राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों व मंत्रालयों की झांकियों के चयन की प्रक्रिया नवंबर माह में शुरू की जाती है, जिसमें सभी राज्य, केंद्र शासित प्रदेश व मंत्रालय अपने-अपने थीम की प्रस्तुति देते हैं। विषेशज्ञ कमेटी द्वारा थीम की प्रासंगिकता व उपादेयता के आधार पर चरणबद्ध तरीके से झांकियों का चयन किया जाता है। पिछले वर्ष भी 'खेलों में नंबर वन हरियाणा' की थीम पर आधारित झांकी के माध्यम से हरियाणा की खेल उपलब्धियों को सशक्त तरीके से देश-दुनिया के सामने प्रस्तुत किया गया था।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब वर्ष 2014 में कुरुक्षेत्र आए थे तो उन्होंने कहा था कि कुरुक्षेत्र को गीता स्थली के रूप में पहचान दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किये जायेंगे। उनकी इसी सोच को मूर्त रूप देते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अगुआई में गीता स्थली को न केवल अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाई जा रही है अपितु देश के साथ-साथ विदेशों में भी अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन इसी कड़ी के तहत किया गया है। उन्होंने बताया कि कुरुक्षेत्र को दुनिया के सबसे प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक के रूप में जाना जाता है। यहाँ पवित्र नदी सरस्वती के तट पर वेदों और पुराणों की रचना हुई। लगभग 5159 वर्ष पहले महाभारत युद्ध के पहले दिन भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता का शाश्वत संदेश दिया, इसीलिए कुरुक्षेत्र की पहचान गीता के जन्मस्थल के रूप में होती है। उन्होंने बताया कि गीता के अमर संदेश की जयंती की वर्षगांठ को कुरुक्षेत्र में हर साल अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। 18 दिनों तक चलने वाले अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का उद्देश्य श्रीमद्भगवद् गीता के वैश्विक व प्रेरणादायक संदेश का प्रसार करना और दुनिया को शांति, सद्भाव तथा सार्वभौमिक भाईचारे के संदेश से आलोकित करना है।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2018 में हरियाणा सरकार ने दुनिया के अन्य हिस्सों में गीता के सनातन संदेश को फैलाने के उद्देश्य से अन्य देशों में भी अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव मनाने का निर्णय लिया और वर्ष 2019 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव मॉरीशस व लंदन में आयोजित किया गया। वर्ष 2022 में कनाडा में भी अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव मनाया गया।