अनपढ़ मां ने देखा सपना, टीचर बनकर सत्यपाल ने किया पूरा

Update: 2023-09-07 11:05 GMT
रेवाड़ी: शिक्षक दिवस के मौके पर राष्ट्रपति से सम्मान पाकर हरियाणा के रेवाड़ी पहुँचे साइंस टीचर सत्यपाल सिंह का फूलमालाओं से स्वागत किया गया. सत्यपाल सिंह हरियाणा के एक मात्र टीचर थे, जिन्हे राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से नवाजा है. इससे पहले उन्हें राज्य शिक्षक पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है. उन्होंने अपना पुरस्कार अपने विद्यार्थियों को समर्पित किया है.
रेवाड़ी के बुडौली गाँव के सीनियर सेकेन्डरी स्कूल में टीजीजी सत्यपाल सिंह का पढ़ाने का अनोखा तरीका है. वो बच्चों को समझाने के लिए विभिन्न तरह की गतिविधियाँ करा बच्चों को पढ़ाते है. बच्चों को भी उनके पढ़ाने का तरीका काफी पसंद आता है. खास बात ये कि लैब में लगाने के लिए वो सरकारी धनराशि का इंतजार नहीं करते, बल्कि अपने स्तर पर ही लैब तैयार करके बच्चों की पढ़ाई पूरी कराते हैं.
टीचर सत्यपाल सिंह बताते है कि वो एक गरीब परिवार से संबंध रखते है. उनकी माँ अनपढ़ हैं. मां ने बचपन में यही सिखाया था कि बड़े होकर खुद शिक्षित बनकर शिक्षा कि अलख जगाना, ताकि गरीब परिवारों के बच्चे भी अच्छी शिक्षा ग्रहण करके आगे बढ़ सकें. मां के देखे सपने पर आगे बढ़ते हुए मास्टर सत्यपाल सिंह ना केवल टीचर बने, बल्कि अब उन्हे राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से भी नवाजा गया है. साइंस टीचर सत्यपाल सिंह को 28 जून को कर्नाटक में आउटस्टैंडिंग अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है.
इस अवॉर्ड में कर्नाटक सरकार राज्य के शिक्षक के साथ-साथ बाहर के एक शिक्षक को सम्मान देती है और इस वर्ष ये सम्मान हरियाणा के रेवाड़ी के रहने वाले साइंस टीचर सत्यपाल सिंह को मिला था. इसके अलावा टीचर सत्यपाल सिंह रंगोली और पेंटिंग प्रतियोगिता में राज्य स्तर पर रेवाड़ी की टीम को पुरस्कृत करा चुके है.
Tags:    

Similar News

-->