हरियाणा न्यूज: पुलिस ने 700 अज्ञात व 10 ग्रामीणों को नामजद कर दर्ज किया केस, हिसार के खेदड़ में बवाल

हरियाणा न्यूज

Update: 2022-07-09 16:23 GMT
हिसार के खेदड़ स्थित राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट में राख की मांग को लेकर शुक्रवार को फिर बवाल मच गया। इस मामले में पुलिस ने 700 अज्ञात व 10 ग्रामीणों को नामजद करते हुए धारा 302 और 307 के तहत केस दर्ज किया गया है।
बता दें कि पावर प्लांट तक जाने वाले रेलवे ट्रैक पर कब्जा करने जा रहे ग्रामीणों और पुलिस में टकराव हो गया। करीब डेढ़ घंटे तक चले इस बवाल में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हो गए। इनमें चार पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। घायलों को नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
88 दिनों से धरना दे रहे ग्रामीणों ने शुक्रवार को खेदड़ पावर प्लांट तक जाने वाले रेलवे ट्रैक पर कब्जा करने की रणनीति बनाई थी। प्रशासन को समय रहते इसका पता चल गया। ग्रामीणों को रेलवे ट्रैक पर जाने से रोकने के लिए बैरीकेड लगा फोर्स तैनात कर दी गई। ग्रामीणों की कमेटी ने प्रशासन को आश्वासन दिया कि वह शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर जिला उपायुक्त को ज्ञापन देकर लौट जाएंगे।
बेकाबू ट्रैक्टर ने बैरीकेड पर मारी टक्कर
पुलिस का कहना है कि दोपहर करीब तीन बजे प्रदर्शनकारी मार्च निकालते हुए रेलवे ट्रैक की ओर बढऩे लगे। इसी दौरान प्रदर्शनकारियों के बीच से कुछ लोग एक ट्रैक्टर लेकर आए और बैरीकेड पर सीधी टक्कर मार दी। इससे भगदड़ मच गई। बैरीकेड तोडऩे के दौरान कुछ ग्रामीण और पुलिसकर्मी भी ट्रैक्टर की चपेट में आ गए। इसमें गांव खेदड़ के 56 वर्षीय धर्मपाल पुत्र दिदारा की मौत हो गई और नौ ग्रामीण व पुलिसकर्मी घायल हो गए।
पंचायती तौर पर किया गया था बहिष्कार
प्रदर्शनकारियों पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस को वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले छोडऩे पड़े। अब भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। जिला उपायुक्त डा. प्रियंका सोनी और पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। वहीं धरने पर बैठे लोगों ने अगली रणनीति बनाने के लिए पंचायत शुरू कर दी है। एसपी लोकेंद्र सिंह का कहना है कि ट्रैक्टर चला रहे युवकों की पहचान की जा रही है। युवकों ने अपने चेहरे कपड़े से ढके हुए थे।
पावर प्लांट में कोयले की आपूर्ति रोकना चाहते थे प्रदर्शनकारी
प्रदर्शनकारी ग्रामीण किसान आंदोलन में सक्रिय किसान नेताओं के संपर्क में थे। ग्रामीणों ने पंचायत कर फैसला लिया था कि शांतिपूर्ण धरने से सरकार मानने वाली नहीं है। इसके बाद कोयले की आपूर्ति रोकने के लिए खेदड़ प्लांट तक आने वाले रेलवे ट्रैक पर ग्रामीणों ने धरना देने का फैसला लिया। अगर ऐसा होता तो प्लांट में कोयले की आपूर्ति रुक जाती और 600-600 मेगावाट के दो सयंत्र ठप हो जाते।
पंचायत कर दो मंत्रियों व विधायक के बहिष्कार का फैसला
इससे पहले शुक्रवार सुबह हुई पंचायत में ग्रामीणों ने बिजली मंत्री रणजीत ङ्क्षसह, मंत्री अनूप धानक और जजपा विधायक जोगीराम सिहाग का पंचायती तौर पर बहिष्कार कर दिया। प्रदेश स्तरीय किसान नेताओं के पहुंचने के बाद खेदड़ थर्मल प्लांट को जाने वाले रेलवे ट्रैक पर किसान पड़ाव डालने और कोयले की आपूर्ति बाधित करने का फैसला लिया गया था।
यह है विवाद का कारण
खेदड़ थर्मल प्लांट से राख निकलती है। ग्रामीणों का दावा है कि गांव की गोशाला पहले राख उठाती थी। राख बेचकर होने वाली आय से गोशाला का संचालन होता था। बाद में खेदड़ थर्मल प्लांट प्रबंधन ने फैसला किया कि राख मुफ्त में नहीं दी जाएगी। इसको लेकर किसानों और प्लांट प्रबंधन में टकराव पैदा हो गया है। गोशाला संचालन करने वाली ग्रामीणों की कमेटी का कहना है कि राख न मिलने से गायों को पालने का संकट खड़ा हो गया है।
Tags:    

Similar News

-->