हरियाणा: इंद्रदेव बस नरवाना पर ही रहे मेहरबान, बाकी ताकते रहे आसमान
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जींद। पिछले कई दिनों से बरसात का इंतजार कर रहे जिले के लोगों को शनिवार को भी बारिश ने काफी धोखा दिया। शनिवार को आधे जिले में बारिश हुई जबकि आधा जिला सूखा ही रहा। नरवाना में 30 जून को सबसे ज्यादा 50 एमएम बारिश हुई थी, शनिवार को भी नरवाना में ही 75 एमएम बारिश दर्ज की गई जबकि उचाना में छह एमएम बारिश दर्ज हुई। पुरानी सब्जीमंडी से लेकर रेलवे स्टेशन की तरफ शहर में बारिश हुई जबकि पुरानी सब्जीमंडी से लेकर पिंडारा की तरफ एक बूंद भी बारिश नहीं हुई। बारिश नहीं होने से धान की फसल पर असर पड़ रहा है। अब धान की फसल में पानी सूखने लगा है। यदि जल्द अच्छी बारिश नहीं हुई तो धान की फसल सूखकर खत्म हो जाएगी।
नरवाना में शनिवार को बदरा जमकर बरसे। यहां पर 75 एमएम बारिश दर्ज की गई। नरवाना में हुई बरसात के बाद पूरा नरवाना शहर जलमग्न दिखाई दिया। नरवाना में पानी निकासी के इंतजाम नहीं होने के कारण यहां पर बारिश के कारण वाहन पानी में ही खड़े होते दिखाई दिए। हनुमान मंदिर के पास तो दो-दो फुट तक पानी भर गया। बस स्टैंड के सामने सड़क पर तीन-तीन फुट तक पानी भर गया। यहां कई दुकानों में भी पानी घुस गया। नरवाना ब्लॉक के किसानों के लिए यह बारिश आसमान से बरसने वाले सोने से कम नहीं रही। धान की रोपाई कर चुके किसानों के यह पानी अमृत बनकर बरसा है। वहीं धान की रोपाई शुरू करने वाले किसानों के लिए भी यह अच्छा मौका है। 30 जून को भी नरवाना में पूरे जिले में सबसे ज्यादा 50 एमएम बारिश दर्ज की गई थी। उस समय भी कई दिन बाद ही गलियों व सड़कों से पानी की निकासी हो सकी थी। वहीं उचाना में भी अच्छी बारिश हुई। यहां कहीं-कहीं अच्छी तो कहीं-कहीं बहुत कम बारिश हुई। उचाना में छह एमएम बारिश दर्ज की गई। गांव लोदर में थोड़ी सी ही बारिश से गांव की गलियों ने झील का रूप धारण कर लिया। गांव की गलियों में जलभराव हो गया। निकासी का समुचित प्रबंध नहीं होने के कारण गांव की गलियों, रिहायशी इलाकों में भी बारिश के पानी का जमाव होने के कारण झील जैसा नजारा उत्पन्न हो गया। लोदर गांव के निवासी गुरनाम सिंह ने बताया कि गांव की गलियों में अधिक पानी होने से राहगीरों को पैदल चलना भी मुश्किल हो गया। गलियों की स्थाई रूप से पानी निकासी ना होने के कारण हर साल बरसात के मौसम में लोगों को जीना मुश्किल हो जाता है।
नरवाना से जींद के सब्जीमंडी मोड़ तक आते-आते खत्म हो गया बादलों का पानी
शनिवार को जिस प्रकार से बारिश हुई, उससे यह साफ पता चलता है कि नरवाना से जींद शहर के सब्जीमंडी मोड़ तक आते-आते बादलों का पानी खत्म हो गया। नरवाना में जमकर बारिश हुई जो जींद शहर तक पहुंचते-पहुंचते कम होती गई। जींद शहर के बीच में स्थित पुरानी सब्जीमंडी मोड़ से आगे पूर्व दिशा की तरफ एक भी बूंद पानी की नहीं गिरी। अर्बन इस्टेट, डिफेंस कॉलोनी, बस स्टैंड, सफीदों रोड की तरफ एक बूंद भी बरसात की नहीं गिरी। यहां अन्य दिनों की तरह ही दिनभर लोग गर्मी से परेशान रहे।
तापमान में आई तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट
शनिवार को अधिकतम तामपान 34 डिग्री व न्यूनतम तापमान 26 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि मौसम में आर्द्रता 61 प्रतिशत व हवा की गति 16 किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई। पिछले नौ दिनों से बादलों का आवागमन तो लगा हुआ था लेकिन बारिश नहीं हो रही थी। मौसम में बनी उमस ने लोगों को बेहाल किया हुआ था। शनिवार को दिन का आगाज आकाश में छाये आंशिक बादलों के साथ हुआ। दोपहर तक मौसम में जबरदस्त उमस बनी रही। बाद में आकाश में गहरे बादल छा गए और नरवाना तथा उचाना में बारिश हुई। हवा की गति तेज तथा ठंडी रही। इसके चलते अधिकत्तम तथा न्यूनतम तापमान में तीन डिग्री की गिरावट दर्ज की गई।
रविवार को अच्छी बारिश होने की उम्मीद है। जिन लोगों को धान की रोपाई करनी है, वह बारिश के बाद ही धान की रोपाई करें। यदि बारिश कम हुई तो धान की फसल को नुकसान हो सकता है।