हो रही बंपर आमदनी, पारंपरिक खेती छोड़ मछली पालन करने में जुटे किसान

Update: 2022-07-05 13:13 GMT

पानीपत: हरियाणा में आज ज्यादातर किसान पारंपरिक खेती को छोड़कर मछली पालन (Fisheries in Panipat) को अपना व्यवसाय बना रहे हैं. मत्स्य पालन में नई तकनीक से मछली पालन कर छोटी जगह में भी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. किसानों का मानना है कि सरकार से मिल रहे योगदान की वजह से मछली पालन के व्यापार का प्रचलन बढ़ता जा रहा है और खेती से जुड़े हुए युवा भी अब फिश फार्मिंग की तरफ अग्रसर हो रहे हैं.

मत्स्य विभाग के अधिकारी दलबीर सिंह सेतिया (Fisheries Department Panipat) ने बताया कि पानीपत में पिछले 2 साल में लगभग 80 हेक्टेयर भूमि पर युवा किसान तालाब बना कर फिश फार्मिंग कर रहे हैं. सरकार की तरफ से मिलने वाले सब्सिडी से युवाओं ने अपने खेतों में ही तालाब बनाना शुरू कर दिया है. कुछ युवा तो ऐसे भी हैं जिन्होंने खेतों को किराए पर लेकर फार्मिंग करना शुरू कर दिया है.

मत्स्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि जो मत्स्य पालन में रुचि रखते हैं थाईलैंड की नई तकनीक बायोफ्लेक्स और रास द्वारा भी वह फिश फार्मिंग कर रहे हैं जिस पर सरकार भी अनुदान दे रही है. पिछले 3 सालों में फिश फार्मिंग (fish farming in panipat) का स्तर एकदम से बढ़ा है.



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