चंडीगढ़। भारत के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कहा कि एक विद्यार्थी की सफलता के पीछे समाज के अनेक लोगों का संकल्प एवं तपस्या होती है। यह सफलता सभी के सामूहिक प्रयासों से ही मिलती है। शिक्षा का उद्देश्य डिग्री प्राप्त करना नहीं होता बल्कि अच्छा इंसान बनना होता है। शिक्षण संस्थान भविष्य के निर्माता होते हैं। वे न केवल छात्रों को शिक्षा प्रदान करते हैं बल्कि उन्हें अच्छा नागरिक व सफल कर्मी बनाते हैं। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय अन्य शिक्षण संस्थानों से कई प्रकार से अलग है। भारतीय संस्कृति में कुरुक्षेत्र का अपना एक विशेष महत्व है। कुरुक्षेत्र की पावन स्थली पर भगवान श्री कृष्ण ने अपनी दिव्य वाणी से श्रीमद्भगवद गीता का संदेश दिया था। इस पुण्य भूमि से ही दुनिया को कर्मयोग का संदेश मिला। पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द आज कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र में 33वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द व उनकी धर्मपत्नी सविता कोविन्द, हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, उच्च शिक्षा मंत्री मूल चंद शर्मा, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद सहित अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर विधिवत रूप से 33वें दीक्षांत समारोह का शुभारंभ किया तथा स्मारिका का विमोचन भी किया। समारोह में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की तरफ से गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत तथा गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद को यूनिवर्सिटी की तरफ से डॉक्टर ऑफ लिट्रेचर (डी.लिट्) की मानद उपाधि से अलंकृत किया गया। इसके साथ ही समारोह में पीजी और यूजी पाठ्यक्रमों के सभी यूटीडी छात्र (2021-22 में उत्तीर्ण), पीएचडी 2023 के 88 डिग्री धारकों को डिग्रियां वितरित की गई। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने हरियाणा ही नहीं अपितु पूरे देश में खेल, शोध, सांस्कृतिक गतिविधियों सहित अपनी एक अलग पहचान बनाई-राम नाथ कोविन्द
अपने संबोधन में राम नाथ कोविन्द ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को देश में सबसे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को संबंधित कॉलेजों तथा प्रदेश में सबसे पहले केयू में लागू करने और इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार, राज्यपाल, मुख्यमंत्री व कुलपति की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस पावन धरा पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हरियाणा का पहला ए प्लस श्रेणी का विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय ने हरियाणा ही नहीं अपितु पूरे देश में खेल, शोध, सांस्कृतिक गतिविधियों सहित अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि किसी समाज का विकास सही मायनों में तभी होता है, जब उस समाज की नारी शक्ति शिक्षित व सशक्त हो। एक शिक्षित बेटी दो परिवारों को शिक्षा और ज्ञान के महत्व से अवगत करवाती है। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने डिग्रियां हासिल करने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएं और 33वें दीक्षांत समारोह के सफल आयोजन पर विश्वविद्यालय प्रशासन को बधाई देते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने पूरे प्रदेश में सर्वप्रथम राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को अपने यूजी प्रोग्राम्स में लागू करके सराहनीय कार्य किया है। इसके साथ ही अब इस सत्र से देश में सर्वप्रथम अपने सम्बन्धित महाविद्यालयों एवं संस्थानों के यूजी प्रोग्राम्स में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को इसके सभी प्रावधानों के साथ लागू करके छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री को जापानी भाषा का सर्टिफिकेट मिलने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि एक बार विद्यार्थी का अर्थ जीवन भर विद्यार्थी है, यह मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साबित किया है। राज्यपाल ने कहा कि संकायो में 9 गोल्ड मेडल लेने वाले विद्यार्थियों में से 8 बेटियां है और विद्यार्थियों को जो गोल्ड मेडल दिया गया है उनमें 55 में से 41 महिला हैं और 14 लड़के हैं। यह आंकडे दिखाते हैं कि महिलाएं आज कितनी आगे बढ़ रही हैं। महिलाएं हर क्षेत्र में उन्नति कर रही हैं।