तिरंगे के नाम पर लूट करने वाले डिपो होल्डर पर गिरी गाज, लाइसेंस हुआ रद्द
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करनाल। हरियाणा के करनाल में तिरंगे झंडे की बिक्री को लेकर राशन कार्ड धारकों को गुमराह करने वाले एक डिपो होल्डर के खिलाफ कार्यवाही करते हुए उसका लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि आरोपी डिपो होल्डर यह कहकर जनता को गुमराह कर रहा था कि 20 रुपए में झंडा खरीदने के बाद ही उन्हें राशन मिलेगा। जिला प्रशासन ने मामले का संज्ञान लेते हुए डिपो होल्डर के खिलाफ तुरंत कार्रवाई अमल में लाई गई है। बता दें कि यह मामला सामने आने के बाद विपक्ष द्वारा भी इसे लेकर कई सवाल खड़े किए गए थे।
प्रियंका गांधी ने भी मामले में जताई थी आपत्ति
मुख्यमंत्री के विधानसभा में अधिकारियों की नाक के नीचे तिरंगे के नाम पर चल रही लूट को लेकर विपक्ष भी आक्रामक नजर आया। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि तिरंगा 140 करोड़ लोगों की शान है। तिरंगे को देखकर लोगों को सुरक्षा और गर्व का अहसास होता है। लेकिन तिरंगे के नाम पर राशन न देने का मामला बेहद निंदनीय है।
डिपो होल्डर ने राशन देने के लिए तिरंगा खरीदने की रखी थी मांग
गौरतलब है कि बीते दिन राशन कार्ड धारकों ने विरोध करते हुए कहा था कि वह मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। किसी से पैसे उधार में उठाकर राशन लेने आए हैं। डिपो होल्डर कहता है कि पहले 20 रुपए तिरंगे झंडे के पैसे देने होंगे, तभी राशन मिलेगा। लोगों ने कहा कि एक तरफ तो सरकार गरीबों की हितैषी बनने का ढोंग कर रही है, वहीं सरकार व अधिकारी इस तरह से गरीब लोगों पर अत्याचार कर रहे हैं। अगर सरकार को हर घर तिरंगा लगवाना है, तो गरीब लोगों को तिरंगा फ्री में देना चाहिए था। यह मामला सामने आने के बाद बुधवार को आरोपी डिपो संचालक के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई गई है।