जाल में फंसने पर पैसों की मांग, न देने पर वायरल करने की धमकी, जानिए पूरी स्टोरी
पलवल, फरीदाबाद: ठगों का खेल तो देखिए। पहले लड़कियों के फोटो का इस्तेमाल कर फेसबुक पर फेक आईडी बनाकर दोस्ती करते हैं, फिर बातों-बातों में मोबाइल नंबर ले लेते हैं। चैटिंग के कुछ दिन बाद विडियो कॉल के लिए कहते हैं। जो विडियो कॉल के लिए मान गया, समझो फंस गया। यह ठग इतने शातिर हैं कि कॉल के वक्त ऐसे फिल्टर का इस्तेमाल करते कि सामने वाले को लगता कि कोई लड़की बात कर रही है। अश्लील विडियो का इस्तेमाल कर कॉल रेकॉर्ड कर बदमाश बाद में धमकाकर रुपये मांगना शुरू कर देते। ऐसे ही गिरोह के एक बदमाश को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस गैंग ने पलवल के बड़ौली गांव निवासी एक व्यक्ति को ब्लैकमेल कर दो लाख रुपये ठगे थे। आरोपी के 4 साथी फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।
वीडियो रिसीव करते ही शुरू हो जाती थी अश्लीलता
डीएसपी विजयपाल ने बताया कि 19 जनवरी को गांव बड़ौली निवासी एक व्यक्ति की शिकायत पर न्यूड विडियो बनाकर ठगी करने का केस दर्ज किया गया था। आरोपियों ने उसके पास विडियो कॉल किया था। कॉल उठाते ही सामने बिना कपड़ों के लड़की का विडियो आया। कुछ देर में आरोपियों ने विडियो में छेड़छाड़ कर पीड़ित का आपत्तिजनक विडियो तैयार कर दिया। उसके बाद पुलिस अफसर बनकर कॉल करके केस दर्ज करने की धमकी देकर डराया। मामला रफा-दफा करने के नाम पर दो लाख रुपये अकाउंट में जमा करा लिए। इसके बाद फिर से रकम मांगी जा रही थी। साथ ही विडियो वायरल कर बदनाम करने की धमकी दी जा रही थी। परेशान होकर पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की।
पुलिस ने जांच कर इस केस में नूंह जिले के थाना पुन्हाना के गांव ठेक निवासी साजिद को अरेस्ट किया। साजिद ने बताया कि उसके साथ राजस्थान के जिला भरतपुर के थाना कामा के गांव ननदेरा बास निवासी तालिम, शौकीन, अब्बास व राहुल मिलकर इस तरह से लोगों को ब्लैकमेल कर रकम वसूलते हैं।
फर्जी सिम मंगाने के लिए ली जाती थी ट्रक ड्राइवरों की मदद
आरोपी साजिद 5वीं पास हैं और तकनीक का इस्तेमाल कर ऐसी वारदात कई दिन से कर रहा था। पुलिस से बचने के लिए बदमाश फर्जी प्रमाण-पत्रों से दूरदराज के राज्यों से मोबाइल सिम मंगाते थे। इसमें ट्रक ड्राइवरों की मदद लेते थे। उनसे असम, बिहार, पश्चिमी बंगाल, झारखंड व अन्य राज्यों से फर्जी पते पर मोबाइल सिम मंगवाते। इनका इस्तेमाल कर विडियो कॉल करते थे। दूसरे मोबाइल से न्यूड विडियो लिंक कर देते थे। इससे सामने वाला पुरुष है तो महिला बनकर और सामने कोई महिला है तो पुरुष बनकर कॉल करते थे। इसके बाद स्क्रीन रेकॉर्डर की सहायता से विडियो क्लिप रेकॉर्ड करते। फर्जी डॉक्युमेंट से लिए मोबाइल नंबरों से ब्लैकमेल करने के लिए कॉल करते थे।
गुमराह कर पैसों की मांग, न देने पर वायरल करने की धमकी
कॉलर खुद को सीबीआई तो कभी पुलिस अफसर बताते थे। अश्लीलता के संबंध में शिकायत मिलने की बात कहकर रुपये मांगते थे। ऐसा न करने पर बदनामी और केस दर्ज की धमकी देते थे। बदनामी के डर से काफी लोग रकम दे देते। बदमाश रकम अपने साथियों के अकाउंट में जमा कराते थे। एक बार रुपये जमा हो गए तो फिर आरोपी यू-ट्यूब का मैनेजर बनकर भी ठगी करते हैं। कहा जाता है कि यू-ट्यूब पर उनके विडियो हैं। रुपये न देने पर उसे अपलोड कर देंगे। कानूनी कार्रवाई की भी धमकी दी जाती थी।