परिषद और नगर पालिकाएं बढ़ीं, अधिसूचना जारी

Update: 2023-07-26 06:17 GMT

हरियाणा सरकार ने पूर्व में जहां नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिका अध्यक्षों से चेकों पर हस्ताक्षर करने की पावर वापस ले ली थी। अब हाउस की विकास कार्यों को स्वीकृति देने की पावर बढ़ा दी है। तकनीकी शाखा के अधिकारों में ज्यादा बदलाव नहीं किया गया है। इसके लिए सरकार ने मंगलवार को नोटिफिकेशन जारी किया है।

नए निर्देशों में नगर निगम में 50 लाख से लेकर 10 करोड़ तक के विकास कार्यों में वित्त कमेटी को अधिकार दिए हैं। हालांकि तकनीकी शाखा की मंजूरी भी साथ में लेनी होगी। इसी प्रकार से दस से 25 करोड़ तक के कामों के लिए विभाग के मंत्री व मुख्य अभियंता और 25 करोड़ से अधिक के कामों के लिए मुख्यमंत्री व मुख्य अभियंता को अधिकार दिए गए हैं।

नगर परिषदों में 50 लाख से पांच करोड़ तक के विकास कार्यों में वित्त कमेटी को अधिकार दिया है। अलग-अलग स्तर पर नगर परिषद तकनीकी शाखा के अधिकारी व प्रशासनिक प्रशासनिक सचिव व मुख्य अभियंता तक की भी साथ में मंजूरी लेनी होगी। नगर परिषदों में 10 करोड़ से अधिक के कार्यों के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली कमेटी को अधिकार दिए हैं। इसी प्रकार से सरकारी फंड से दूसरे फंडों के प्रयोग के लिए डीएमसी से लेकर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली कमेटी को अधिकार दिए हैं। विभाग के एक अधिकारी के अनुसार अब तक नगर निगम में तीन करोड़, अब 10 करोड़ रुपये तक कर दी है। 50 लाख नगर पालिका में 25 लाख रुपये तक के विकास कार्यों के अधिकार इन निकायों के हाउस को थे। जो अब हाउस द्वारा गठित वित्त कमेटियों के माध्यम से बढ़ा दिए हैं। तकनीकी विंग की पावर में ज्यादा बदलाव नहीं किया है।

इससे पूर्व सरकार ने नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिका अध्यक्षों के चेक पर हस्ताक्षर करने की पावर वापस ले कर अधिकारियों को दी थी। इससे निकायों के जनप्रतिनिधियों में रोष था। अब सरकार ने वित्तीय कमेटियों के माध्यम से हाउस की पावर बढ़ाकर एक तरह से इन जनप्रतिनिधियों की नाराजगी दूर करने का प्रयास किया है। 

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