चढ़ी सफलता की सीढ़ियां, पांच किलो दूध पीने वाले सुधीर लाठ ने राष्ट्रमंडल में गाड़ दिया लठ
महज पांच वर्ष की आयु में पैर में परेशानी के चलते सुधीर लाठ दिव्यांग हो गए थे। उसके बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी। वर्ष 2013 में शरीर को फिट रखने के लिए उन्होंने पावर लिफ्टिंग शुरू की थी।
राष्ट्रमंडल खेलों में पैरा पावरलिफ्टर सुधीर लाठ ने देशवासियों को खुशी का पल दिया है। लगातार सात बार के नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट सुधीर ने राष्ट्रमंडल खेलों में देश के लिए पैरा पावर लिफ्टिंग में सोना जीता है। उनकी उपलब्धि पर परिजनों व ग्रामीणों के साथ सभी खेल प्रेमियों में खुशी की लहर है। सुधीर के परिवार ने बेटे के भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने पर खुशी व्यक्त की। उनकी मां ने कहा कि वे अपने बेटे का भव्य स्वागत करेंगी। सुधीर के पदक जीतने पर उन्हें खुशी है। उसने देश को गौरवान्वित किया है। मैं आशा और प्रार्थना करती हूं कि भगवान हमेशा उसके साथ रहें।
पांच साल की उम्र में हो गए थे दिव्यांग
सोनीपत के गांव लाठ में किसान परिवार में जन्मे सुधीर लाठ बचपन से ही प्रतिभावान रहे हैं। महज पांच वर्ष की आयु में पैर में परेशानी के चलते वह दिव्यांग हो गए। उसके बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी। वर्ष 2013 में शरीर को फिट रखने के लिए उन्होंने पावर लिफ्टिंग शुरू की थी। उसके बाद बेहतर अभ्यास के चलते इसे जीवन का हिस्सा बना लिया। पैरा खिलाड़ी वीरेंद्र धनखड़ से प्रेरित होकर पैरा पावर लिफ्टिंग शुरू की थी।
महज दो वर्ष की मेहनत से ही वह नेशनल तक पहुंचे और नेशनल में सोना जीतकर प्रदेश का नाम रोशन किया। वहां से शुरू हुआ नेशनल में सोना जीतने का उनका सफर लगातार सात साल से जारी है। इसके साथ ही वह वर्ष 2021 और 2022 में स्ट्रांग मैन ऑफ इंडिया का खिताब जीतकर देशवासियों को रोमांचित कर चुके हैं। इंग्लैंड के बर्मिंघम में आयोजित हो रहे राष्ट्रमंडल खेलों में सुधीर ने हैवीवेट वर्ग में देश के लिए सोना जीता है।
पांच किलो दूध, चने व बादाम खाकर बनाया शरीर
सुधीर लाठ चार भाइयों में एक हैं। उनके पिता सीआईएसएफ जवान राजबीर सिंह का चार पहले निधन हो गया था। अब चार भाइयों के साथ परिवार में मां व चाचा है। सुधीर ने सदैव देसी खानपान को तरजीह दी है। वह रोजाना पांच किलो दूध के साथ ही चने व बादाम खाते हैं। जिससे उनका शरीर पूरी तरह नेचुरल है।
सुधीर लाठ की उपलब्धियां
-लगातार सात साल से राष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता।
-दो बार स्ट्रांग मैन ऑफ इंडिया का खिताब जीता।
-वर्ष 2019 में पैरा एशियन गेम्स में कांस्य पदक।
-वर्ष 2021 में दक्षिण कोरिया में एशिया-ओसियाना ओपन पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता।