16 पिस्तौल व 16 मैगजीन सहित मुख्य हथियार निर्माता गुरदेव सिंह गिरफ्तार
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चंडीगढ़। मेवात पुलिस ने 16 पिस्तौल व 16 मैगजीन पकड़ने में सफलता प्राप्त की है प्राप्त जानकारी के अनुसार सीआईए स्टाफ तावडू ने हथियारों के जखीरे को पकड़ा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मैं बाद सीआईए स्टाफ ने इस मामले में एक मुख्य हथियार निर्माता अभियुक्त गुरदेव सिंह पुत्र बरार वासी मध्य प्रदेश की गिरफ्तारी भी की है। इससे पहले मेवात पुलिस आसिफ पुत्र आशु वासी नुहु की गिरफ्तारी भी कर चुकी है। इससे पहले मैं बाद पुलिस ने शाहनवाज पुत्र इसब वासी कोसी कलां की गिरफ्तारी भी मथुरा से करने में सफलता पाई थी।
सूत्रों के अनुसार मेवात जिला की पुलिस को हथियार बनाने वाले प्रमुख आरोपी गुरदेव सिंह वासी मध्यपदेश तक पहुंचने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए शाहनवाज व गुरदेव सिंह से पुलिस जैन छानबीन कर रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मैं बाद पुलिस ने के लिए यह आरोपी बहुत बड़ी चुनौती बना हुआ था क्योंकि यह बार-बार अपने मोबाइल सिम बदल रहा था तथा साथ ही बार-बार अपनी लोकेशन भी बदल रहा था। बाबा जानकारी के अनुसार आरोपियों के द्वारा 16000 से लेकर 25000 तक पिस्टल बेची जा रही थी। पुलिस को पुख्ता जानकारी एकत्रित करने अकेली कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। नूंह जिले के अंदर हथियारों तथा अवैध हथियारों की सप्लाई रोकने के लिए नुहु में पुलिस ने बड़ा ऑपरेशन चलाया हुआ है।नुहु मैंने युक्त पुलिस अधीक्षक वरुण सिंगला ने अवैध हथियारों का काम करने वाले लोगों के खिलाफ अपनी नियुक्ति के बाद जिस प्रकार से कड़ा एक्शन लगातार लिया है उसी कड़ी में पुलिस को यह सफलता मिली है।
हरियाणा जिला नूंह में साइबर जालसाजों के ठिकानों पर एक साथ की गई रेड के बाद जांच में अब तक देश भर में लगभग 100 करोड़ रुपये की साइबर ठगी का खुलासा किया था। ये महाठग फर्जी सिम, आधार कार्ड इत्यादि द्वारा देशभर के लोगों से ठगी करते और फर्जी बनाए बैंक खातों में राशि डलवा देते ताकि पुलिस इन तक ना पहुंच सके। इल जालसाजों द्वारा हरियाणा सेे राष्ट्रीय राजधानी, दिल्ली और यूपी से लेकर अंडमान निकोबार तक लोगों को निशाना बनाया जा चुका है। इनके पकड़े जाने से देशभर में साइबर ठगी के लगभग 28,000 केस ट्रेस हुए हैं। नूंह पुलिस अधीक्षक वरूण सिंगला द्वारा 27/28 अप्रैल की मध्यरात्रि को 5000 पुलिसकर्मियों की 102 टीमों ने जिले के 14 गांवों में एक साथ छापेमारी की थी। इस दौरान करीब 125 संदिग्ध हैकर्स को हिरासत में लिया गया था। इनमें से 66 आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया गया। हरियाणा से 40 साइबर विशेषज्ञों की एक टीम तैयार की। इस प्रकार साइबर विशेषज्ञों की मदद से पकड़े गए साइबर अपराधियों से निरंतर पूछताछ की गई और साइबर धोखाधड़ी द्वारा अपनाई जा रही कार्यप्रणाली के साथ-साथ फर्जी सिम और बैंक खातों के स्रोतों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की गई।
साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र की सहायता से भी इन साइबर ठगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले फर्जी बैंक खातों, सिम, मोबाइल फोन आदि को देश भर में प्राप्त साइबर अपराध की शिकायतों से जोड़ने का अनुरोध किया गया था। इस विश्लेषण के दौरान यह बात सामने आई है कि साइबर ठगों ने अब तक देश भर के 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से करीब 28000 भोले-भाले लोगों से 100 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी को अंजाम दिया है। पकडे़ गए इन साइबर जालसाजों के खिलाफ देशभर में पहले से ही 1346 प्राथमिकी दर्ज होनी पाई गई हैं। ऐसे ठगों की संलिप्तता तय करने के लिए इन साइबर अपराधियों का विवरण राज्यों के संबंधित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भेजा जा रहा है।