अभय सिंह चौटाला द्वारा प्रशिक्षण शिविर पर उठाए गए सवाल के बारे में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में विज ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ही एक ऐसी पार्टी है बाकी सारे या तो कुनबे है या गैंग है। कुनबे में और गैंग में सिखाने की जरूरत नहीं होती है, पार्टी में सिखाने की जरूरत होती है, पार्टी में विचारधारा से जोड़ने की जरूरत होती है। तो हम चाहते हैं कि हमारे कार्यकर्ता विचारधारा के साथ जुड़े और उसको जहन में रखकर समाज में अपना काम करें इसलिए हम ऐसे कैंप हर स्तर पर समय-समय पर लगाते रहते हैं। उन्होंने कहा कि उनको यह अजीब लगता होगा क्योंकि यह उनके बस की बात नहीं है परंतु भारतीय जनता पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को हर स्तर पर तैयार करती रहती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश प्रशिक्षण शिविर जो है भारतीय जनता पार्टी की पाठशाला है। इस शिविर के दौरान 13 सत्र हुए हैं और इन 13 सत्रों में 13 वक्ताओं ने अपने भिन्न भिन्न विचार रखे हैं जिसमें संगठन से लेकर राष्ट्रीय राजनीति और अस्मिता से भारत को परम वैभव तक कैसे लेकर जाना है उसके बारे में यहां पर विचार विमर्श हुआ है।
उन्होंने बताया कि मुझे भी एक विषय दिया गया था कि ' चुनाव को किस प्रकार से जीते'। उस पर मैने अपने विचार रखे हैं। इसके अलावा, मैंने विस्तार से भी बताया है कि कैसे हमने मुद्दे को अटेंन करना है, कैसे मेंटेन करना है और कैसे रिटेन बनाए रखना है। उन्होंने कहा कि उम्मीदवार कैसा होना चाहिए और जनता कैसा उम्मीदवार चाहती है क्योंकि जनता चाहती है कि उम्मीदवार उपयोगी हो, उद्योगी हो और सहयोगी हो। उन्होंने उपयोगी, उधोगी और सहयोगी के बारे समझते हुए कहा कि "उपयोगी यानी दूसरों के काम आने वाला हो, उद्योगी यानी हिम्मती हो यानी बुराइयों के खिलाफ लड़ सकता हो और सहयोगी यानी लोगों को साथ लेकर चल सकता हो, जनता यह तलाशती है"।
अनिल विज ने बताया कि राजनीति में इमेज की बहुत भूमिका होती है चाहे वह व्यक्ति या पार्टी का मुद्दा हो, चाहे वह व्यक्ति विशेष का मुद्दा हो। इमेज को एक दिन में नहीं बनाया जा सकता, इमेज बनाने के लिए सालों साल लग जाते हैं और व्यक्ति की इमेज उसके कारगुजारी और कामों से आंकी जाती है क्योंकि जनता नजर रखती है। जनता देखती है कि हमारा प्रतिनिधि क्या कार्य करता है और कौन से लोगों के साथ यह रहता है। उसके टोले में किस प्रकार के लोग हैं अगर उसके टोले में कोई लैंड माफिया है ड्रग्स माफिया है शराब माफिया है तो इनकी नेगेटिविटी का असर भी प्रतिनिधि पर पड़ता है इसलिए मैंने शिविर में कहा है कि अपनी टोली बनाते समय बहुत ज्यादा सिलेक्टिव होना चाहिए और अच्छे लोगों को अपनी टोली में शामिल करना चाहिए। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि हमारा संगठन हर गांव, हर बूथ और हर पन्ना तक पहुंच चुका है।