STF के खुलासे के बाद MLA बोले- पूरी जानकारी लेकर विधानसभा में उठाएंगे मुद्दा
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हरियाणा के सोनीपत से विधायक सुरेंद्र पंवार को जान से मारने की धमकी देकर पांच करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में एसटीएफ ने रविवार को गुरुग्राम में पत्रकार वार्ता में छह आरोपियों की गिरफ्तारी की बात कही है। जिस पर विधायक का कहना है कि अभी मामले को लेकर उनकी किसी अधिकारी से बातचीत नहीं है। वह इस मामले की पूरी जानकारी लेंगे। साथ ही कहा कि एसटीएफ की ओर से विधिवत जानकारी मिलने के बाद वह इस मामले को विधानसभा में उठाएंगे।
सोनीपत विधानसभा से कांग्रेसी विधायक सुरेंद्र पंवार को दुबई व पाकिस्तान से धमकियां मिली थीं। उन्हें जान से मारने की धमकी देकर 5 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई थी। जिस पर पुलिस ने 27 जून को मुकदमा दर्ज किया था। बाद में मामला एसटीएफ को सौंप दिया गया था। इस मामले में एसटीएफ ने ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
एसटीएफ का कहना है कि इन्होंने ही विधायकों को कॉल कर रंगदारी मांगी थी। इस मामले में विधायक सुरेंद्र पंवार का कहना है कि अभी इस बारे में कुछ कहना जल्दबाजी होगी। उनकी मामले को लेकर किसी अधिकारी से बातचीत नहीं हुई है। अब इस मामले की पूरी जानकारी लेंगे। उसके बाद ही आगे कार्रवाई की जाएगी।
वह इस मामले को विधानसभा में भी उठाएंगे। उनका कहना है कि पत्रकारों से पता लगा है कि गिरफ्तार आरोपी ठग गिरोह के हैं। ऐसे में ठगी करने वालों की तरफ से धमकी देने के लिए विधायकों को निशाना बनाए जाने की पूरी जांच होनी चाहिए। उनके पास पाकिस्तान व दुबई से कॉल आई थी।
ऐसे में गिरफ्तार आरोपियों के वहां के संबंधों के बारे में जानकारी की जाएगी। विधायक ने बताया कि अभी तक उनको एसटीएफ की कार्रवाई की विधिवत जानकारी नहीं मिली है। विधानसभा का सत्र जल्द शुरू होने वाला है। ऐसे में पूरी जानकारी लेकर इसको विधानसभा में उठाएंगे।
विधायक बोले, होनी चाहिए उचित कार्रवाई
विधायक सुरेंद्र पंवार ने कहा कि इस मामले में उन्हें उचित कार्रवाई की उम्मीद है। सरकार ने ठोस कार्रवाई का आश्वासन दिया था। ऐसे में उम्मीद है कि सरकार मामले की तह तक जाकर काम करेगी। इस मामले में हर पहलु का खुलासा होना चाहिए। जिससे सच्चाई सामने आ सके।
मामले के बाद विधानसभा अध्यक्ष को भेज दिया था इस्तीफा
इस मामले में विधायक सुरेंद्र पंवार तब चर्चा में आ गए थे जब उन्होंने धमकी मिलने के बाद अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को भेज दिया था। हालांकि बाद में उन्होंने अन्य विधायकों संग मुख्यमंत्री व विधानसभा अध्यक्ष के सामने पेश होकर बिना शर्त इस्तीफा वापस लेने की अर्जी दे दी थी। जिसे बाद में मंजूर कर लिया था। उनका इस्तीफा रद्द कर दिया था।