क्लर्क के पदों की भर्ती का संशोधित रिजल्ट जारी करने के बाद कई क्लर्कों को हटाने के सरकार के आदेश को HC में चुनौती

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Update: 2022-07-28 16:16 GMT

चंडीगढ़। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) द्वारा वर्ष 2019 में विज्ञापित क्लर्क के 4798 पदों की भर्ती का संशोधित रिजल्ट जारी करने के बाद 1178 क्लर्कों को हटाने के सरकार के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। वीरवार को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट के आदेश पर एचएसएससी के सचिव ने कोर्ट में पेश होकर कहा कि उन्होने यह पद अभी संभाला है इस लिए उसे जवाब देने के लिए कुछ समय दिया जाए। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के हटाने पर रोक के अंतरिम आदेश को जारी रखते हुए आयोग को जवाब देने का समय देते हुए मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि उनको डेढ़ साल नौकरी के बाद नौकरी से निकाला जा रहा है। याची पक्ष की तरफ से दलील दी गई कि वो राज्य के विभिन्न विभागों में कार्यरत है। पिछले दिनों कर्मचारी चयन आयोग ने संशोधित परिणाम जारी कर हटाने के नोटिस जारी कर दिए। याचिका में दलील दी गई की हटाने के लिए सही तरीके को नहीं अपनाया जा रहा। उनको नोटिस जारी कर उनका पक्ष भी नहीं सुना जा रहा।

सर्विस नियमों के तहत उनको पक्ष रखने का अधिकार है लेकिन उनको कई को तो एक दिन का नोटिस जारी कर ही सेवा मुक्त का आदेश जारी कर दिया। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने हटाने के सरकार के आदेश पर अंतरिम रोक लगा कर नियमों के तहत प्रभावित कर्मचारी का पक्ष सुन कर आदेश पारित करने का आदेश दिया। ज्ञात रहे कि हाई कोर्ट ने 25 अप्रैल को कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 4858 क्लर्क की भर्ती का परिणाम भर्ती परिणाम को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट ने परिणाम में संशोधन कर नए सिरे से मेरिट तैयार करने का आदेश दिया था। संशोधित रिजल्ट जारी करने के बाद 1178 क्लर्कों को सेवा से समाप्त करने का सरकार ने आदेश जारी किया था।

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