राणा माजरा गांव में दो साल के अंदर 25 युवा की मौत, युवाओं को नशे से बचाने के लिए पुलिस ने शुरू की 'धाकड़' योजना
हिसार: हरियाणा धाकड़ युवाओं का प्रदेश है. यहां के पहलवान दुनिया के बड़े-बड़े सूरमाओं को मैदान में चित करने का दम रखते हैं. खेल की दुनिया में हरियाणा को भारत की मेडल फैक्ट्री कहा जाता है. ये सब संभव हुआ है यहां के खानपान और युवाओं की मेहनत के दम पर. लेकिन इन उपलब्धियों के अलावा एक युवा आबादी वो भी है जो नशे में लिपटी है. ये नशा हरियाणा के माथे पर एक कलंक बन गया है. सरकार ने नशे के खिलाफ कई मुहिम चलाई, इसके बावजूद अभी भी प्रदेश में आये दिन नशे की खेप बरामद हो रही है. सरकार ने अब नशा तस्करों पर अंकुश लगाने और युवाओं को इससे बचाने के लिए धाकड़ कार्यक्रम (Dhakad scheme in Haryana against drug addiction) की शुरुआत की है.
नशे के खिलाफ धाकड़ कार्यक्रम की शुरूआत हरियाणा पुलिस द्वारा हिसार के चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (Chaudhary Charan Singh Haryana Agricultural University) में राज्यस्तरीय कार्यक्रम के जरिये की गई. हरियाणा के एडीजीपी श्रीकांत जाधव ने इसकी शुरुआत की. एडीजीपी ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए धाकड़ नाम से ये कार्यक्रम ग्राम स्तर तक चलाया जायेगा. शिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर युवाओं को जागरुक किया जाएगा. नशे को रोकने के लिए हेल्प लाइन नंबर 9050891508 जारी किया गया. इस नंबर के माध्यम से नशे से जुड़ी हर तरह की सहायता की जाएगी.
युवाओं को नशे से बचाने के लिए पुलिस ने शुरू की 'धाकड़' योजना
क्या है धाकड़ कार्यक्रम- श्रीकांत जाधव ने कहा कि प्रदेश को नशा मुक्त बनाने के लिए एक्शन प्लान के तहत स्कूल, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में धाकड़ कार्यक्रम की शुरूआत की गई है. इसके तहत क्लास के 5 बच्चों का एक ग्रुप बनाया जाएगा. ये ग्रुप सुस्त और एकांत में रहने वाले और चोरी छिपे नशा करने वाले बच्चों की पहचान करेंगे. उसकी सूचना क्लास टीचर यानि सीनियर धाकड़ की टीम को देंगे. सीनियर धाकड़ सूचना मिलने के बाद संबंधित प्रिंसिपल हेड मास्टर को रिर्पोट करेंगे जो नोडल धाकड़ कहलायेगा. इस कार्यक्रम के सुपरविजन के लिए राज्य, जिला, उपमंडल, कलस्टर, गांव और वार्ड स्तर पर मिशन टीमें बनाई जाएंगी. ये टीमें नशे से ग्रस्त व्यक्ति की काउंसिलिंग उपचार व पुनर्वास के लिए काम करेंगी.
नशे के खिलाफ युवाओं को शपथ दिलाई गई.
लॉंच किये गये दो ऐप- धाकड़ कार्यक्रम को सफल बनाने और उसकी निगरानी के लिए दो मोबाइल ऐप प्रयास और साथी शुरू किये गये हैं. प्रयास ऐप के लिए ग्राउंड लेवल की टीमें बनाई जाएंगी. जो प्रदेश में नशे से जुड़ी सभी जानकारी मुहैय्या करायेगी. जैसे- कितने लोग नशा करने के आदी हैं, ये लोग कौन सा नशा करते हैं, नशा मुक्त करने के लिए कहां पर दाखिल करवाना है. इस ऐप में इससे संबंधित पूरा डेटा रहेगा. जबकि साथी ऐप में एलोपैथी और आयुर्वेदिक मेडिसन मैन्यूफेक्चरिंग से लेकर सप्लाई तक का पूरा ब्योरा देना होगा.
प्रदेश के हर शहर और ग्राम स्तर पर लोगों को इस मुहिम से जोड़ा जायेगा. हमारी कोशिश है कि प्रदेश के युवाओं को नशे की लत से बचाया जाय. हरियाणा का जवान धाकड़ रहा है. हम चाहते हैं कि वो धाकड़ ही बना रहे. इसीलिए इस मुहिम को धाकड़ नाम दिया गया है. इस मुहिम का मकसद है कि युवा नशे को ना कहना सीखें. इसके तहत उनकी हर तरीके से मदद की जायेगी. इस मुहिम से युवाओं को जोड़ा जायेगा ताकि नशे से जुड़ी हर तरह की जानकारी देकर वो पुलिस का सहयोग कर सकें. श्रीकांत जाधव, एडीजीपी, हरियाणा
हिसार में धाकड़ योजना को लेकर पुलिस ने कार्यक्रम किया.
हिसार में हुए कार्यक्रम में एडीजीपी जाधव ने विद्यार्थियों को शपथ दिलाई कि वो नशा तस्करी करने वालों के खिलाफ इस मुहिम में शामिल होंगे और अगर उनका कोई दोस्त नशा करता है तो वह उसे भी रोकेंगे. इसके अलावा अपने परिवार के सदस्यों पर भी नशा न करने का दबाव बनाएंगे ताकि हरियाणा नशा मुक्त बन सके. इस कार्यक्रम के दौरान दौरान मंडल आयुक्त चंद्रशेखर, एचएयू के वीसी वी.आर. कंबोज, हिसार एसपी लोकेंद्र सिंह के अलावा पुलिस के आला अधिकारी मौजूद रहे.
सोर्स: etvbharat.com