अंधविश्वास के चक्कर में एक परिवार ने नवरात्रि के अथम दिन पर दी नाबालिग बेटी की 'बलि'

Update: 2022-10-13 11:42 GMT

गुजरात के गिर सोमनाथ जिले के धारा गिर गांव में एक परिवार पर संदिग्ध मानव बलि के मामले में अपनी 14 वर्षीय बेटी की हत्या का आरोप लगाया गया है. पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी. पुलिस और फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी टीम मामले में सबूत इकट्ठा कर रही थी जब ग्रामीणों ने पुलिस को सूचित किया कि, परिवार ने वित्तीय लाभ के लिए नवरात्रि के अथम (3 अक्टूबर) के दिन अपनी बेटी की बलि दी थी और उसकी मृत्यु ग्राम पंचायत में दर्ज नहीं की गई. ग्रामीणों का आरोप है कि आधी रात को एक खेत में नाबालिग के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

गिर सोमनाथ जिले के पुलिस अधीक्षक मनोहरसिंह जडेजा ने स्थानीय मीडिया को बताया कि नाबालिग की रहस्यमयी मौत में माता-पिता संदिग्ध हैं. पुलिस ने बुधवार को भावेश अकबरी के खेत से उसकी अस्थियां एकत्र कीं. एक पुलिस सूत्र ने कहा, "पूछताछ के दौरान, पिता भावेश लगातार अपने बयान बदल रहा है. एक एफएसएल रिपोर्ट पुलिस को आगे की जांच में मार्गदर्शन कर सकती है." एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक छह महीने पहले तक लड़की सूरत में पढ़ाई कर रही थी, जहां भावेश का कारोबार था. अज्ञात कारणों से माता-पिता ने उसे स्कूल में पढ़ाई बंद करा दी और पैतृक गांव लाकर खेत में काम पर लगा दिया.

ग्रामीणों का आरोप है कि, "3 अक्टूबर की रात इस उम्मीद के साथ बच्चे की बलि दी गई कि इससे परिवार में खुशहाली आएगी. परिवार में यह गलत धारणा थी कि बच्ची का पुनर्जन्म होगा, इसलिए उन्होंने शव को चार दिन तक रखा." उसके बाद परिवार के बहुत कम सदस्यों और रिश्तेदारों की मौजूदगी में खेत में ही बच्चे का अंतिम संस्कार कर दिया गया, जिससे कुछ ग्रामीणों में संदेह पैदा हो गया जिन्होंने पुलिस को सूचना दी.

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