भारतीय सेना ने अपने सैनिकों के लिए पहले 3-डी प्रिंटेड आवास का निर्माण किया है। अहमदाबाद कैंट में बनाए गए इस आवास का बुधवार को उद्घाटन किया गया। तल और एक मंजिला का यह 3डी प्रिंटेड मकान आपदा-रोधी और जोन-3 भूकंप क्षेत्रों के नियमों व ग्रीन बिल्डिंग मानकों का पालन करता है। यह भारतीय सैनिकों के लिए पहला 3डी प्रिंटेड आवास है।
सेना ने गुरुवार को बताया कि इस तकनीक में 3डी प्रिंटर का उपयोग किया जाता है। यह कम्प्यूटरीकृत त्रि-आयामी डिजाइन पर आधारित है। इसमें खासतौर से तैयार डिजाइन के अनुसार विशेष प्रकार के कंक्रीट से परत-दर-परत आधार पर 3डी ढांचा तैयार किया जाता है।
3डी रैपिड कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
इस अनूठे मकान या आवास का निर्माण सैन्य अभियांत्रिकी सेवा (MES) ने किया है। यह मकान एक मंजिला है। भारतीय सेना के अधिकारियों ने कहा कि इसका निर्माण एमआईसीओबी प्राइवेट लिमिटेड (MiCoB Pvt Ltd) के सहयोग से किया गया है। इसमें नवीनतम 3डी रैपिड कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी इस्तेमाल की गई है।
3डी प्रिंटेड आवास सैन्य कर्मियों के लिए बढ़ती आवास की मांग को तेजी से पूरा करेंगे। यह आधुनिक समय में तेजी से निर्माण का प्रतीक है। यह निर्माण 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' को भी बढ़ावा देगा और अभियान के प्रति सेना की प्रतिबद्धता का भी सबूत है।
मात्र 12 सप्ताह में पूरा किया निर्माण
सेना के अनुसार 71 वर्गमीटर यानी करीब 765 वर्गफीट में इस मकान का निर्माण मात्र 12 सप्ताह में पूरा कर लिया गया। इसमें गैरेज भी बनाया गया है। इसके निर्माण में 3D प्रिंटेड नींव, दीवार और स्लैब का इस्तेमाल किया गया। अहमदाबाद स्थित सेना की गोल्डन कटार डिवीजन ने इसके निर्माण की पहल की। ऐसे कई आवास बनाए जाएंगे।