कर्मचारियों की हड़ताल से फायदे में लकड़ी तस्कर, जंगलों में हो रही भारी कटाई

छग

Update: 2022-09-02 13:59 GMT
जशपुर। छत्तीसगढ़ में सरकारी कर्मियों व अधिकारियों की हड़ताल आज से खत्म हो गई है। हड़ताल में वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी भी शामिल रहे। वन कर्मियों की हड़ताल का लकड़ी तस्करों ने जमकर फायदा उठाया। लकड़ी माफियाओं ने जंगलों में धडल्ले से पेड़ काटे हैं जिसके निशान देखे जा सकते हैं।छत्तीसगढ़ में अधिकारी कर्मचारियों की हड़ताल में जशपुर वन मंडल 300 वन कर्मचारी भी शामिल रहे। इसके चलते वन माफियाओं की चांदी हो गई है। यहां के जंगलों में वन माफिया धड़ल्ले से हरे भरे पेडों की अवैध कटाई में जुट गया है। इसकी शिकायत भी हो रही है, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है। इस बीच, बगीचा क्षेत्र में आज वन प्रबंधन समिति की महिला अध्यक्ष ने ग्रामीणों को एकत्रित कर गांव के समीप छिपा कर रखे गए 13 नग कीमती लकड़ी के बड़े गोले अपने कब्जे में लेकर वन मंडल अधिकारी को सौंप दिए हैं। इसके बाद स्थानीय लोगों से पूछताछ भी की गई है।
दरअसल, वन माफियाओं ने यहां के जंगल से सागौन तथा अन्य कीमती पेड़ों की अवैध कटाई के बाद इसे अन्यत्र लेकर जा रहे हैं। बगीचा वन परिक्षेत्र में भी अवैध कटाई के बाद लकडिय़ों को ढ़ुलाई की तैयारी की जा रही थी। इससे पहले ग्रामीणों को भनक लग जाने से लाखों रुपए की लकडिय़ों का बड़ा जखीरा जब्त कर लिया गया है। वन कर्मचारियों की हड़ताल के कारण डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय ने पुलिस की मदद से लकडिय़ों को जब्त कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। वन प्रबंधन समिति अध्यक्ष ने बताया कि हम खुद ही जंगल की रक्षा करने वाले हैं, कर्मचारियों की हड़ताल के कारण जंगलों की रक्षा करने वाला कोई नहीं है इसलिए हमें ही अब यह जिम्मेदारी निभाना पड़ रहा है। वहीं एक स्थानीय निवासी धरम साय ने बताया कि यहां लगातार कटाई हो रही है दिन में तो आसान होता है जंगल समिति के लिए लेकिन रात में पता नहीं लग पाता है, फिर भी हम अपनी क्षमता के अनुसार रोकने का प्रयास कर रहे हैं।
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