कोण्डागांव: गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी कृषि विज्ञान केंद्र व राष्ट्रीयग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के संयुक्त प्रयास से सांसद आदर्श ग्राम झाटीबन के मां शितला स्व-सहायता समूह की महिलाओं को हर्बल गुलाल बनाने का रिफ्रेशर प्रशिक्षण पुनः देकर हर्बल गुलाल का उत्पादन किया गया है। इस गुलाल के प्रति लोगों में उत्साह देखने को बनता है। इस गुलाल का विक्रय समूह द्वारा घड़ी चौक बस स्टैण्ड के निकट कनेरा रोड़ में किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि मां शितला स्व-सहायता समूह द्वारा बनाये गये हर्बल गुलाल हेतु राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उईके ने अपने करकमलो से जनवरी 2022 मे रायपुर मे हुए आयोजन में इन्हें सम्मानित किया था। समूह की महिलाओं द्वारा गुलाल बनाने के लिए एक महीने से जंगल मे जाकर पलास, धवई, सिंदूर, मेहँदी, पत्तियां तथा बाज़ार से चुकंदर, लाल भाजी, पालक, हल्दी एवं गुलाबजल लेकर हर्बल गुलाल का उत्पादन कर रही हैं। इनके मास्टर ट्रेनर एवं वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र डॉ हितेश मिश्रा ने मेरी होली सुरक्षित होली का नारा देते हुए बताया कि समूह की महिलायें पूर्ण रूप से जैविक तत्वों से बने हर्बल गुलाल का उत्पादन कर रही है। जो पूरी तरह से हमारे स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित है। बाज़ार में खतरनाक रसायनों से बना गुलाल जिसे उपयोग करते हैं, जिससे त्वचा में एलर्जी, आंखों में इंफेक्शन, दमा, अस्थमा, खुजली,सिरदर्द जैसे कई प्रकार की समस्याएं हो जाती हैं। जबकि हर्बल गुलाल से त्वचा को शीतलता प्राप्त होती है और इससे किसी प्रकार का साइड इफैक्ट भी नहीं होता है।
समूह की अध्यक्ष सुमित्रा ने बताया कि आगे हर्बल गुलाल की बाजार में बढ़ती हुई मांग को देखते हुए इस बार बड़ी मात्रा में गुलाल तैयार किया गया है। जिससे समूह की महिलाओं को इस बार अधिक आमदनी प्राप्त होगी साथ ही रोजगार भी मिलेगा। इसके साथ ही लोगों को रसायनमुक्त स्वास्थ्य रक्षक गुलाल भी प्राप्त होगा।
इस संबंध में कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ ओम प्रकाश ने बताया कि हर्बल गुलाल को जिले मे अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। कोरोना महामारी के बाद स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता मे बदलाव आया है, जिससे लोग हर्बल व स्थानीय वस्तुओं को अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं। जनपद फरसगांव की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सीमा ठाकुर द्वारा समय समय पर समूह की महिलाओं से मिलकर उनका उत्साह वर्धन करते हुए अच्छी गुणवत्ता का गुलाल बनाने को प्रेरित किया गया तथा आह्वान किया है कि खतरनाक जहरीले रसायनों की होली खेलना छोड़कर लोगों को सेहतमंद हर्बल होली खेलकर समूह की महिलाओ को सबल बनाने में अपना योगदान देना चाहिए।