नए वर्ष के पहले दिन छत्तीसगढ़ में दो नए अभियान की शुरूआत

Update: 2022-01-01 10:46 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा नए वर्ष के पहले दिन दो नए अभियान शुरू हुए। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव और स्कूल शिक्षा मंत्री डाॅ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने इन दोनों अभियानों का शुभारंभ किया। जिला मुख्यालय अम्बिकापुर के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम से दोनों मंत्रियों ने वर्चुअल कार्यक्रम से जुड़ कर बच्चों के पठन और गणितीय कौशल विकास के लिए सौ दिवसीय अभियान, शाला त्यागी बच्चों के लिए व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम-स्किल हब एनिशियेटिव कार्यक्रम की शुरूआत की। राजधानी के मायाराम सुरजन शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा सचिव डाॅ. कमलप्रीत सिंह, प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा श्री नरेन्द्र दुग्गा सहित संबंधित स्कूल के प्राचार्य, शिक्षक और अभिभावक के साथ ही वर्चुअल रूप से सभी जिलों के शिक्षक, विद्यार्थी और उनके अभिभावक शामिल हुए।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने सभी को नववर्ष की बधाई देते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा बच्चों के लिए वर्तमान समय को ध्यान में रख आवश्यकता के अनुरूप दूरदर्शिता के साथ इन दोनों योजनाओं को शुरू करने का निर्णय लिया है। कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई और उनके मानसिक विकास पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा। निःसंदेह राज्य सरकार और शिक्षकों के प्रयास से बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं हो पाई। स्कूल बंद रहने के कारण बच्चों के सीखने में कमी को दूर करने के लिए सरकार ने स्कूल खोलने का निर्णय लिया। स्कूल शिक्षा विभाग ने सौ दिनों का पठन, गणितीय कौशल विकास कार्यक्रम शुरू कर बहुत बड़ी कमी को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाया है। इसका लाभ आने वाली पीढ़ी को मिलेगा। बच्चों का बौद्धिक स्तर और अधिक बेहतर होगा। दूसरी योजना स्कूल छोड़ चुके बच्चों के लिए समसामायिक रोजगारपरक शिक्षा और कौशल उन्नयन से युवाओं का भविष्य सुधरेगा।

स्कूल शिक्षा मंत्री डाॅ प्रेमसाय सिंह टेकाम ने दोनों योजनाओं के शुभारंभ की घोषणा करते हुए कहा कि कोरोना के कारण स्कूल बंद रहने से बच्चों के लर्निंग लाॅस को कम करने के लिए राज्य व्यापी सौ दिनों का पठन एवं गणितीय कौशल विकास कार्यक्रम आज से शुरू किया जा रहा है। इस सौ दिवसीय कार्यक्रम को तीन स्तरों के लिए तैयार किया गया है। पहला स्तर आंगनबाड़ी से कक्षा दूसरी तक के बच्चे, दूसरे स्तर में कक्षा तीसरी से पांचवी तक और तीसरे स्तर में कक्षा छठवीं से आठवीं तक के बच्चों को शामिल किया गया है। यह कार्यक्रम 14 सप्ताहों में विभाजित है। प्रत्येक सप्ताह के लिए भाषा और गणित में अलग-अलग थीम साझा की जाएगी। इस थीम को बहुत अच्छे से कक्षा के सभी बच्चों में पूरे सप्ताह अभ्यास करवाते हुए उन्हें अनिवार्यतः दक्ष बनाये जाने के लिए सभी आवश्यक प्रयास शिक्षकों द्वारा किए जायेंगे। कक्षा के भीतर और बाहर समुदाय के सहयोग से सप्ताह के लिए निर्धारित सामग्री का अभ्यास कराया जाएगा।

मंत्री डाॅ टेकाम ने कहा कि स्कूल छोड़ चुके बच्चों के लिए स्किल हब एनिशियेटिव कार्यक्रम राज्य में पहली बार विद्यालय स्तर पर समग्र शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा पर आधारित कौशल केन्द्र की पहल की जा रही है। इसके अंतर्गत राज्य में कुल 86 विद्यालयों का चयन भारत शासन द्वारा किया गया है। प्रथम चरण में प्रदेश के 17 जिलों के 18 विद्यालयों का चयन किया गया है। कौशल केन्द्र के माध्यम से 15 से 29 आयु वर्ग के शाला छोड़ने वाले विद्यार्थियों को उपलब्ध व्यावसायिक कोर्स पर कौशल प्रशिक्षण प्रदाय किया जाएगा, ताकि उनकी क्षमता का विकास हो सके और वे भविष्य में इन सीखे हुए कौशल का उपयोग जीविकोपार्जन या अन्य शैक्षिणिक गतिविधियों में कर सकें। इसके साथ ही कौशल केन्द्र के माध्यम से शिक्षा से बाहर रहने वाले विद्यार्थियों को पुनः शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य भी हो सकेगा। उन्होंने कहा कि जो बच्चे इस कार्यक्रम से जुड़ रहे हैं उनके कौशल विकास के साथ-साथ स्वरोजगार एवं रोजगार के अवसरों को प्राप्त करने के लिए रास्ते खुलेंगे। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रत्येक विद्यालय से अधिकतम 40 विद्यार्थियों का एक बैच होगा। प्रशिक्षण से सर्टिफिकेशन कार्यक्रम की कुल अवधि 6 माह होगी। प्रशिक्षण प्रत्येक दिवस विद्यालय अवधि के बाद लगभग दो घंटे और साप्ताहिक अवकाश में संचालित किया जाएगा। मंत्री डाॅ. टेकाम ने सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों से इस कार्यक्रम में अधिक से अधिक सहभागिता करने का अनुरोध किया।

स्कूल शिक्षा सचिव डाॅ. कमलप्रीत सिंह ने सौ दिवस का अभियान में शिक्षकों को युद्ध स्तर पर कार्य करने कहा है। बच्चे भी 3 माह के लिए पढ़ाई पर विशेष ध्यान दें। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर स्किल हब इनिशिएटिव कार्यक्रम स्कूल छोड़ चुके बच्चों के लिए उन्हें रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण देने के लिए संचालित किया जा रहा है। इसमें आईटीआई और पाॅलीटेक्निक काॅलेजों को भी जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि बच्चों को दिया जाने वाला प्रशिक्षण समसामायिक होना चाहिए ताकि उन्हें वास्तव में रोजगार मिले। पढ़ाई के साथ रोजगार के लिए युवा प्रशिक्षण भी ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि आगामी सौ दिन महत्वपूर्ण हैंै। इसका अधिक से अधिक लाभ उठायें। कार्यक्रम को प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा नरेन्द्र दुग्गा ने भी संबोधित किया।

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