446 डाक्टरों पदों की नियुक्ति का रास्ता हुआ साफ, हाईकोर्ट ने की याचिका खारिज

छत्तीसगढ़

Update: 2022-02-23 15:20 GMT

बिलासपुर। हाई कोर्ट ने प्रदेश में डाक्टरों की भर्ती को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही याचिकाकर्ता पर 25 हजार रुपये कास्ट भी लगाया गया है। जस्टिस संजय के अग्रवाल के इस आदेश से राज्य के अस्पतालों में डाक्टरों के रिक्त 446 पदों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। राज्य सरकार ने प्रदेशभर के अस्पतालों में 446 चिकित्सा अधिकारियों की नियमित भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था।

इसके लिए निर्धारित योग्यता एमबीबीएस तय की गई है। साथ ही साक्षात्कार के माध्यम से नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जानी थी। शासन के इस निर्णय और जारी विज्ञापन को चुनौती देते हुए डा. कमल सिंह राजपूत ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी। इसमें बताया गया कि बिना लिखित परीक्षा सिर्फ साक्षात्कार के आधार पर भर्ती किया जाना सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विपरीत है।
इस मामले की पहली सुनवाई के दौरान ही हाई कोर्ट ने भर्ती पर रोक लगा दी थी। इसके चलते राज्यभर में डाक्टरों की भर्ती प्रक्रिया रोक दी गई थी। अब अंतिम सुनवाई के बाद जस्टिस संजय के अग्रवाल की सिंगल बेंच में राज्य सरकार की तरफ से तर्क रखा गया कि नियम में सीधे साक्षात्कार के आधार पर नियुक्ति करने का प्राविधान है और डाक्टरों की प्रदेश में बहुत जरूरत है। भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए राज्य ने शैक्षणिक योग्यता, अनुभव और अन्य मेडिकल कार्य के अनुभव का नंबर अलग-अलग रखा है।
मामले की सुनवाई के दौरान शासन का पक्ष रखते हुए बताया गया कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों मे चिकित्सा अधिकारी की बहुत जरूरत है। राज्य शासन ने कोरोना काल में ग्रामीणों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए डाक्टरों की भर्ती का निर्णय लिया था। शुरुआत में शासन से त्रुटि हुई थी, जिसे संशोधित कर दूसरा विज्ञापन जारी किया गया। शासन के इस जवाब पर कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया से रोक हटा दी है।

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