राज्य को रबी के लिए जनवरी तक मिलना था 2.32 लाख टन उर्वरक, मिला मात्र 1.71 लाख मेट्रिक टन उर्वरक
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य को रबी सीजन के लिए केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत कोटे के अनुरूप रासायनिक उर्वरकों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। रबी सीजन के लिए राज्य को जनवरी 2022 तक कुल 2 लाख 32 हजार मेट्रिक टन रासायनिक उर्वरक की मांग के विरूद्ध मात्र एक लाख 71 हजार 476 टन उर्वरक ही मिल पाई है, जो कि मात्र 74 प्रतिशत है।
छत्तीसगढ़ को फरवरी माह में भारत सरकार की ओर एक लाख 20 हजार 175 टन उर्वरक की सप्लाई का प्लान मिला है, परंतु फरवरी का आधा माह बीत जाने के बाद भी राज्य को मात्र 40 हजार 686 टन उर्वरक ही मिल पाई है, जो कि 34 प्रतिशत है। यहां यह उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा रबी सीजन के लिए छत्तीसगढ़ राज्य को 4 लाख 11 हजार टन उर्वरक के आबंटन की स्वीकृति दी गई है, जिसमें यूरिया की मात्रा 2 लाख टन, डीएपी 60 हजार मेट्रिक टन, एनपीके 50 हजार मेट्रिक टन, एमओपी 26 हजार मेट्रिक टन एवं एसएसपी की मात्रा 26 हजार मेट्रिक टन शामिल हैं। छत्तीसगढ़ को रबी सीजन के लिए अक्टूबर से जनवरी माह तक 2 लाख 32 हजार मेट्रिक उर्वरक की मांग के विरूद्ध एक लाख 71 हजार 476 मेट्रिक टन प्राप्त हुआ है, जो मांग का 74 प्रतिशत है। इसी अवधि के लियेे यूरिया की मांग 85.000 मेट्रिक टन के विरुद्ध 61,121 मेट्रिक टन, डीएपी की मांग 42,000 मेट्रिक टन के विरूद्ध 32,684 मेट्रिक टन, एनपीके की मांग 36,000 मेट्रिक टन के विरुद्ध 12.858 मेट्रिक टन, एमओपी की मांग 19,000 मेट्रिक टन के विरुद्ध 7,846 मेट्रिक टन एवं एसएसपी की मांग 50,000 मेट्रिक टन के विरूद्ध 56,967 मेट्रिक टन रासायनिक उर्वरक मिला है।
कृषि संचालनालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार दुर्ग जिले के लिए यूरिया की मांग 8500 मेट्रिक टन के विरूद्ध 6526 मेट्रिक टन उर्वरक का भण्डारण कराकर 5514 मेट्रिक टन किसानों का वितरित किया गया है। इसी प्रकार डीएपी मांग 3300 मेट्रिक टन के विरुद्ध 3070 मेट्रिक टन उर्वरकर वितरित किया गया है। जिले में स्थापित संग्रहण केन्द्रों (विपणन संघ) में 181 मेट्रिक टन यूरिया, 360 मेट्रिक टनडीएपी एवं 244 मेट्रिक टन पोटाश भण्डारित है, जिसे सहकारी समितियों को उपलब्ध कराने निर्देशित किया गया है।
इसी तरह बिलासपुर जिले के लिये यूरिया की मांग 14,300 मेट्रिक टन के विरूद्ध 13,589 मेट्रिक टन उर्वरक का भण्डारण कराकर 7796 मेट्रिक टन किसानों का वितरित किया गया है। इसी प्रकार डीएपी की मांग 1800 मेट्रिक टन के विरूद्ध 1666 मेट्रिक टन उर्वरक वितरित किया गया है। जिले में स्थापित संग्रहण केन्द्रों (विपणन संघ) में 1816 मेट्रिक टन यूरिया एवं 324 मेट्रिक टन डीएपी भण्डारित है, जिसे सहकारी समितियों को उपलब्ध कराने निर्देशित किया गया है।