एक मई से होगी तेंदूपत्ता की तोड़ाई, हाथियों से सुरक्षित रहने किया जा रहा अलर्ट
छग
कोरबा। एक मई से तेंदूपत्ता तोडऩे का काम शुरू हो जाएगा। यह वनांचल के ग्रामीणों की आजीविका का मुख्य साधन है। चूंकि कोरबा व कटघोरा वनमंडल के कई रेंज हाथी प्रभावित है ऐसे में यहां के तेंदूपत्ता संग्राहकों को हाथियों से सुरक्षित रहने अलर्ट किया जा रहा है। सुबह होने से पहले अंधेरे में जंगल नहीं जाने जागरूक किया जा रहा है।
बता दें कि जिले के दो वनमंडल कोरबा व कटघोरा के कई रेंज में हाथियों की धमक रहती है। बीते दो साल से कटघोरा के पसान व आसपास के रेंज में हाथी उत्पात बढ़ा है। वहीं कोरबा के वन परिक्षेत्र में हाथियों का उत्पात में कम हुआ है। दूसरी ओर कटघोरा के पसान रेंज गर्मी में हाथियों के अनुकूल वातावरण होने के कारण सबसे अधिक समय इस क्षेत्र के जंगल में हाथी व्यतीत करते हैं।
संग्राहकों के लिए यही सबसे बड़ी चिंता है। बिलासपुर के मरवाही वन परिक्षेत्र से सटे होने के कारण पसान रेंज में हाथी आ धमकते हैं। अभी मरवाही में हाथियों का दल विचरण कर रहा है। तेंदूपत्ता संग्रहण शुरू होते ही खदेड़े जाने पर पसान रेंज की ओर हाथियों के रूख करने की संभावना को देखते हुए वनसमितियों से कहा गया है कि संग्रहण कार्य के लिए बुजुर्ग व बच्चों को नहीं ले जाएं। अधिक सघन जंगल की ओर जाने से बचें। हो सके तो जन समूह के आसपास ही पत्ता संग्रहण करें, ताकि एक दूसरे की मदद की जा सके।