ट्रेनों की बिगड़ेगी चाल: बेलपहाड़ में 23 को रेल रोको आंदोलन

छग

Update: 2023-03-21 10:11 GMT
रायगढ़। कोविड महामारी के पहले बेलपहाड़ स्टेशन में रुकने वाली सभी पैसेंजर व एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव पुनः शुरू करने की मांग को लेकर 23 मार्च को बेलपहाड़ बंद व रेल रोको आंदोलन किया जाएगा। यह निर्णय बेलपहाड़ व लखनपुर ब्लाक वासियों ने संयुक्त बैठक में लिया है। इस संबंध में बेलपहाड़ व लखनपुर ब्लाक रेल यूजर्स फोरम ने एसईसीआर बिलासपुर के महाप्रबंधक को लिखित सूचना भी दे दी है। बेलपहाड़ में रेल रोको आंदोलन से एक बार फिर रेल यातायात पूरी तरह प्रभावित होगा। इसका प्रभाव रायगढ़ स्टेशन में भी दिखेगा।
एसईसीआर व रेलवे बोर्ड के अदूरदर्शितापूर्ण निर्णय व यात्री सुविधाओं की उपेक्षा के कारण पिछले सालभर में अलग-अलग स्टेशनों में कई बार रेल रोको आंदोलन हो चुके हैं। ब्रजराजनगर, बामड़ा, हिमगिर सहित अन्य स्टेशनों में हुए आंदोलन से यात्रियों की तो परेशानी बढ़ती ही है, रेलवे को भी करोड़ों का नुकसान होता है। उसके बाद भी रेलवे अधिकारियों का रवैया नहीं बदला है। अब एक बार बेलपहाड़ क्षेत्र के लोगों ने 23 मार्च को रेल रोको आंदोलन का ऐलान कर दिया है। यह आंदोलन वृहद स्तर पर होगा, जिसमें गांव-गांव से लोग शामिल होंगे। इसके लिए लगातार बैठकें ली जा रही हैं।
क्षेत्रवासियों का कहना है कि कोविड महामारी के पूर्व बेलपहाड़ सहित अन्य स्टेशनों में कई ट्रेनों का स्टापेज था, कोविड महामारी शून्य होने के बाद भी इन ट्रेनों का परिचालन प्रारंभ नहीं किया। साथ ही पैसेंजर ट्रेनों को स्पेशल बनाकर चलाया जा रहा है और टिकट भी दोगुनी कर दी गई है। इससे नाराज क्षेत्रवासियों ने अब आंदोलन का रुख अख्तियार कर लिया है। इस संबंध में बेलपहाड़ व लखनपुर में बैठक बनाकर रणनीति बनाई गई, जिसमें रेल यूजर्स फोरम के अध्यक्ष बिरंची साहू, सचिव हितेश ठक्कर, वरिष्ठ सदस्य राजेश शुक्ला, संजय सिंह, गुणनिधि पति, संजय अग्रवाल, भास्कर पटेल, दीपक भैंसा, सत्यप्रकाश महंती, विकास अग्रवाल, लखनपुर ब्लाक अध्यक्ष हुतेश्वरी तिहिरिया सहित बड़ी संख्या लोग उपस्थित थे।
एक ओर ओड़िशा के ब्रजराजनगर, बामड़ा, बेलपहाड़ सहित अन्य क्षेत्रों में ट्रेनों के स्टापेज व अन्य यात्री सुविधाओं की मांग को लेकर लगातार आंदोलन हो रहे हैं, लेकिन इस मामले में रायगढ़ में कोई विशेष पहल नहीं हो रही है। कुछ संगठनों की ओर से रेलवे को ज्ञापन सौंपकर व प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अपनी सक्रियता दिखाने की कोशिश जरूर की जाती है। इधर ट्रेनों की लेटलतीफी से यात्री परेशान हैं। आए दिन अधोसंरचना विकास के नाम पर ट्रेनों को कैंसिल किया जा रहा है, उसके बाद भी जनप्रतिनिधियों की ओर से इस ओर गंभीरता से ठोस पहल की जा रही है।
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