प्रदेश में हुक्का गुडग़ुड़ाने पर पाबंदी, विधेयक पर मुहर

Update: 2022-01-20 06:16 GMT

अब राष्ट्रपति को भेजा जाएगा, विधानसभा में सरकार ने पारित कराया था संशोधन

रायपुर (जसेरि)। छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा पारित सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003 में संशोधन के लिए प्रस्तुत विधेयक पर राज्यपाल सुश्री अनसुईया उइके ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। अब इस विधेयक को राष्ट्रपति की अनुमति के लिए भेजा जाएगा। इस अधिनियम की धारा 3, 4, 12, 13, 21 एवं 27 में संशोधन किया गया है। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद बार में हुक्का गुडग़ुड़ाना बंद हो जाएगा।

राज्य में हुक्का की लत युवाओं में बढऩे से रोकने लिए राज्य सरकार ने अधिनियम में संशोधन किया है। यह संशोधन राज्य विधानसभा से पारित करवाने के बाद राज्यपाल के पास अनुमोदन के लिए भेजा गया था। अधिनियम के अनुसार धारा 4 में संशोधन कर धारा 4क और 4ख जोड़ी गई है। धारा 4क के अनुसार 'हुक्का बार पर रोक लगाया गया है। इस अधिनियम कोई व्यक्ति, स्वयं या किसी अन्य व्यक्ति की ओर से, कोई हुक्का बार नहीं खोलेगा या हुक्का बार नहीं चलाएगा या भोजनालय सहित किसी भी स्थान पर ग्राहकों को हुक्का नहीं देगा।Ó धारा 4ख के अनुसार 'हुक्का बार में हुक्के के माध्यम से धूम्रपान पर रोक होगी। कोई भी व्यक्ति, किसी भी सामुदायिक हुक्का बार में हुक्का या नरगिल (गडग़ड़ा) के माध्यम से धूम्रपान नहीं करेगा।Ó

पुलिस, आबकारी अधिकारी कर सकेंगे कार्रवाई

अधिनियम में संशोधन को मंजूरी के बाद अब हुक्का पिलाने के मामले में कोई भी पुलिस व आबकारी अधिकारी कार्रवाई कर सकेंगे। इसके लिए धारा 13 में संशोधन कर नवीन धारा 13क जोड़ा गया है। धारा 13क के अनुसार 'हुक्का बार के मामले में जब्त करने की शक्ति होगी। यदि कोई पुलिस अधिकारी या आबकारी अधिकारी, जो राज्य सरकार द्वारा अधिकृत हो और जो उप-निरीक्षक की श्रेणी से निम्न का न हो, के पास यह विश्वास करने का कारण है कि धारा 4क के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है या उनका उल्लंघन किया जा रहा है, वह हुक्का बार के विषय या साधन के रूप में उपयोग की जाने वाली किसी भी सामग्री या वस्तु को जब्त कर सकेगा।Ó

प्रदेश में हुक्का गुडग़ुड़ाने पर पाबंदी, विधेयक पर मुहरराज्य सरकार ने प्रतिबंध के बाद भी हुक्का पीने-पिलाने के मामले तीन साल की सजा और 50 हजार रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया है। मूल अधिनियम की धारा 21 में संशोधन करते हुए नवीन धारा 21क एवं 21ख जोड़ी गई है। धारा 21क के अनुसार 'हुक्का बार चलाने के लिए दण्ड का प्रावधान होगा। जो कोई, धारा 4क के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, वह ऐसे कारावास, जो कि तीन वर्ष तक का हो सकेगा, किन्तु जो एक वर्ष से कम नहीं होगा और जुर्माना, जो कि पचास हजार रूपए तक का हो सकेगा, किन्तु जो दस हजार रूपए से कम नहीं होगा, से दंडनीय होगा। इसी प्रकार 21 ख के अनुसार 'हुक्का बार में हुक्का के माध्यम से धूम्रपान के लिए दण्ड- जो कोई, धारा 4 ख के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, उसे ऐसे जुर्माने, जो कि पांच हजार रूपए तक का हो सकेगा, किन्तु जो एक हजार रूपए से कम नहीं होगा, से दंडित किया जाएगा।Ó

देर रात चल रही थी हुक्का पार्टी, 6 लड़के और 2 लड़कियां गिरफ्तार

बिलासपुर जिले में प्रतिबंध के बाद भी अभी भी कुछ जगहों पर कैफे व फूड जंकशन की आड़ में हुक्का पिलाने का दौर चल रहा है। मंगलवार की देर रात पुलिस ने कैफे में छापेमारी करते हुए छह लड़के और दो लड़कियां हुक्का पीते हुए पकड़ा गया है। मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है। पुलिस की टीम ने मिशन अस्पताल के चौपाटी स्थित वेलहल्ला कैफे में छापेमारी की, तब यहां स्टोर रूम में युवकों के साथ दो युवतियां हुक्का पीते पकड़ी गईं। इसके बाद पुलिस ने उनके परिजन को बुलाने की बात की तो युवतियां गिड़गिड़ाने लगी और 'बोली प्लीज सर हमारे पेरेंट्स को मत बुलाइए, बदनामी हो जाएगीÓ। पुलिस ने कैफे के मैनेजर मनीष चेतानी के साथ ही युवक-युवतियों को पकड़कर थाने ले गई। इस दौरान युवक और युवतियों को उनके पेरेंट्स को बुलाकर समझाइश दी गई और उन्हें छोड़ दिया गया। कैफे के मैनेजर के खिलाफ कोटपा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। दोनों युवती शहर में रहकर क्कस्ष्ट और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही हैं।

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