रायपुर। छत्तीसगढ़ के गांव-गांव में सुपोषित छत्तीसगढ़ के ध्येय से पोषण जागरूकता पखवाड़े का आयोजन किया गया। 20 मार्च से 03 अप्रैल तक चले इस पखवाड़े में बच्चों तथा महिलाओं के पोषण एवं स्वास्थ्य देखभाल संबंधी जागरूकता और आदतों में सुधार लाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। पखवाड़े में सुपोषण रथ, पोषण साइकल/बाइक रैली, मैराथन, मिलेट्स जागरूकता कैम्प, सुपोषण चौपाल, अम्मा की रसोई का भी आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों में महिलाओं और बच्चों के साथ ही पंचायत प्रतिनिधि, गांव के युवा, विभिन्न विभागों के अधिकारी और यूनिसेफ के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। महिला एवं बाल विकास विभाग संचालक श्रीमती दिव्या मिश्रा ने बताया कि पोषण पखवाड़े के दौरान प्रत्येक दिन के लिए कलेण्डर अनुसार गतिविधियां आयोजित की गई। इन गतिविधियों के माध्यम से व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर पोषण सम्बन्धित व्यवहार परिवर्तन का प्रयास किया गया। पोषण पखवाड़े के दौरान आयुष, पंचायत, कृषि सहित अन्य विभागों, जनप्रतिनिधियों का पूरा सहयोग मिला। पोषण पखवाड़े के दौरान कई किसान, पंचायत प्रतिनिधि, युवा भी इस अभियान से जुड़े। यूनिसेफ ने पोषण संबंधी संदेश और वीडियो के माध्यम से तकनीकी सहयोग प्रदान किया।
मिश्रा ने बताया कि पोषण पखवाड़े के दौरान बच्चों का वजन, लंबाई एवं ऊंचाई मापन कर बच्चों में पोषण स्थिति की जानकारी लेकर पोषण ट्रैकर ऐप में दर्ज किया गया है। इस दौरान विकासखण्ड स्तर पर बेहतर काम करने के लिए दो-दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को पुरस्कृत भी किया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को एकमुश्त विशेष मानदेय के रूप में 5000 रूपये और सहायिकाओं को 2500 रूपये प्रदान किए जाएंगे। पोषण पखवाड़े के दौरान मुख्य रूप से पोषण कल्याण के लिए मिलेट्स के प्रचार-प्रसार और लोकप्रियता, स्वस्थ्य बालक-बालिका स्पर्धा और सक्षम आंगनबाड़ी केन्द्र संबंधित थीम आधारित गतिविधियों का आयोजन किया गया। इस दौरान लोगों को मिलेट्स के फायदों के बारे में जानकारी देकर उन्हें इसेे दैनिक आहार में शामिल करने के लिए जागरूक किया गया। पोषण पखवाड़े के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा अन्य विभागों के समन्वित प्रयास से छत्तीसगढ़ में 2 लाख 68 हजार 180 गतिविधियां आयोजित की गई। पोषण पखवाड़े के समापन अवसर पर आज महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित वेबिनार में यह जानकारी दी गई। वेबिनार में सभी जिलों के विभागीय अधिकारी सहित स्वास्थ्य, पंचायत, कृषि सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और यूनिसेफ के प्रतिनिधि शामिल हुए।