छुरिया। छत्तीसगढ़ राज्य सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने ही वाला है। परन्तु खुज्जी विधानसभा की वर्तमान स्थिति को देखकर ऐसा लगता है कि यहां चुनावी बिगुल पहले ही फूंका जा चुका है।खुज्जी विधानसभा में राजनीतिक सरगर्मी का पारा अपने सबाब पर दिखाई देने लगा है।जहा एक और विधानसभा चुनाव की तैयारी में भाजपा एक कदम आगे चलते हुए 21 विधानसभा प्रत्याशियों की सूची जारी कर चुकी है।वही कांग्रेस में प्रत्याशियों को लेकर मंथन का दौड़ चल रहा है।खुज्जी विधानसभा में कांग्रेस की और से सर्वाधिक 100 दावेदारों ने विधानसभा टिकट के लिए आवेदन किए है।चुकी खुज्जी विधानसभा प्रदेश में अपनी अलग पहचान रखता है।खुज्जी की वर्तमान विधायक अपने पंचवर्षी कार्यकाल में ज्यादातर विवादो में रही।कभी अपने ही संगठन के जिला अध्यक्ष के खिलाफ कांग्रेस भवन रायपुर में धरना प्रदर्शन कभी पूर्व नगर अध्यक्ष के साथ राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के मामले में?,आदिवासी समाज के युवक के खिलाफ क्रिया कलापों आदि के कारण सुर्खियों में रही।साथ ही साथ छुरिया नगर के विकास को नजर अंदाज करना व नगरवासियों को छुरिया डोंगरगांव मुख्य मार्ग के मामले में झूठा आश्वासन देकर गांव गांव में पक्की सड़कों का निर्माण कर वाहवाही लूटने का कार्य किया गया।छुरिया नगर के कुछ फूल छाप कांग्रेसियों के साथ रहकर ईमानदार कर्तव्यनिष्ठ व पुराने कांग्रेसियों को नजर अंदाज करना भी वर्तमान विधायक को आगामी विधानसभा चुनाव में भारी पड़ सकता है।
खुज्जी विधानसभा में यदि मतदाताओं की बात की जाए तो सर्वाधिक संख्या में आदिवासी समाज के मतदाता दिखाई पड़ते है।किंतु आदिवासियों में भी बहुत से अलग अलग धड़ा है।जैसे गोंड समाज, हल्बा समाज,कंवर समाज आदि अलग अलग बटे हुए है एवं सामाजिक आर्थिक रूप से पिछड़े होने के कारण भी विधायक न बना पाना आदिवासी समाज के लिए एक दुर्भाग्य है। इसी तरह दूसरे क्रम में सर्वाधिक मतदाता साहू समाज से हैं। चुकी साहू समाज खुज्जी विधानसभा के साथ-साथ पूरे 90 विधानसभा के चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।इसलिए 90 विधानसभा में लगभग 15% विधायक साहू समाज के दिखाई पड़ते है।इसलिए वर्तमान में खुज्जी विधानसभा में सामाजिक आर्थिक व राजनीतिक रूप से साहू समाज मजबूत स्थिति में दिखाई देता है।अब यह पर वर्तमान विधायक भी साहू समाज की है। किन्तु राजनीतिक रूप से संगठन में वह कमजोर स्थिति में दिखाई पड़ रही है।जिसे देखते हुए भाजपा ने गीता घासी साहू को टिकट देकर मैदान में उतारा है।अब यह देखना होगा की कांग्रेस से यदि वर्तमान विधायक का टिकट कटती है तो कांग्रेस से साहू फैक्टर के नया चेहरा पर कांग्रेस पार्टी दांव लगा सकती है? खुज्जी विधानसभा में साहू समाज का वर्चस्व है।यदि कांग्रेस साहू फैक्टर को नजर अंदाज करती है तो उसे इसका नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।