सूरजपुर। कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी संजय अग्रवाल के निर्देशानुसार अपर कलेक्टर नयनतारा सिंह तोमर के मार्गदर्शन में जिला पंचायत सभा कक्ष में विधानसभा आम निर्वाचन 2023 अंतर्गत निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण के लिए आज प्रिन्ट मीडिया निगरानी दल, वीडियो निगरानी दल, वीडियो अवलोकन दल, सहायक मीडिया, सोशल मीडिया निगरानी दल की मीडिया व अनुवीक्षण समिति की एक दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हुआ। जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर प्रेमचन्द सोनी ने भारत निर्वाचन आयोग की ओर से जिम्मेदारी के अनुरूप सभी अपने दायित्वों का निर्वहन के बारे में विस्तार बताते हुए कहा कि प्रशिक्षण सत्र में आज सभी अपने दायित्वों को भली भांति समझते हुए, निर्वाचन के नियमानुसार कार्य करेंगे। इसमें सभी विभागों की महती जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को भारत निर्वाचन आयोग की मंशा अनुरूप गंभीरतापूर्वक कार्य करने की जरूरत है। नियमों को ध्यान में रखते हुए निगरानी दल सहित अन्य सभी दल आपसी समन्वय के साथ कार्य करेंगे। ऐसी परिस्थिति में नियमानुसार कार्य करना सुनिश्चित करेंगे। समस्त विधानसभा क्षेत्र व्यय अनुवीक्षण के मामले में संवेदनषील है। लेखा से जुड़े अधिकारी व्यय र्प्यवेक्षक के साथ कार्य करेंगे। निर्वाचन के कार्य को ध्यान में रखते हुए सभी अधिकारी मुख्यालय में रहेंगे। अभ्यर्थी के व्यय के आकलन के लिए सभी दल कार्य करते हुए साक्ष्य के साथ रिटर्निंग आफिसरों एवं व्यय पर्यवेक्षक को रिपोर्ट उपलब्ध कराएंगे। निगरानी दल मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति सहित अन्य दलों की आवश्यकता को देखते हुए प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि अपने जिज्ञासाओं का निराकरण करें।
निर्वाचन व्यय के अवैध कार्यों को रोकना है। अपर कलेक्टर व् मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति की नोडल अधिकारी नयनतारा सिंह तोमर ने कहा कि निर्वाचन में बहुत से प्रकोष्ठ का गठन किया जाता है। उन्होंने बताया व्यय सीमा का निर्धारण इस किया गया है, कि भारत निर्वाचन आयोग की मंशा है कि जो निर्वाचन काम हो रहा है, वह स्वतंत्र व निष्पक्ष हो सके। कोई भी निर्वाचन निष्पक्ष तभी संभव है, जब भेदभाव की सीमा समाप्त की जाएगी। इसलिए आयोग निर्वाचन की व्यय सीमा 40 लाख तय की है। निर्वाचन कार्य के लिए गठित दलों के लिए आयोजित इस प्रशिक्षण में मार्गदर्शन दिया जा रहा है, जिसमें सभी को समन्वय के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। इस दौरान मास्टर ट्रेनर्स ने निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण के लिए निगरानी दल को मीडिया अनुवीक्षण व प्रमाणन समिति के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया, सोशल मीडिया, सिनेमाघर, रेडियो, ई-समाचार, बल्क एसएमएस आदि संचार के समस्त माध्यमों से जो भी राजनैतिक विज्ञापन बगैर अनुमति के आते है। उसकी निगरानी करने के लिए ही इस समिति का गठन किया गया है। प्रिंट मीडिया में पैड न्यूज की गम्भीरतापूर्वक निगरानी करने के बारे में बताया गया। इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक माध्यम में विज्ञापन की समय सीमा की जांच करने की जानकारी दी गयी। मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों को प्रसारण तिथि के 3 दिवस पूर्व अनुमति के लिए आवेदन देना अनिवार्य है। गैर मान्यता या निर्दलीय दल को 7 दिवस पूर्व आवेदन देना होता है। उनको विज्ञापन का निर्माण की लागत, प्रसारण का लागत, विज्ञापन दिखाने का दिनांक तथा समय की जानकारी देनी होगी। उन्होंने बताया कि निर्वाचन व्यय को मॉनिटरिंग करने के लिए सभी दल लगातार कार्य करते हैं। उन्होंने बताया कि अभ्यर्थियों के लिए व्यय की सीमा 40 लाख रुपए की राशि है, वे इससे अधिक खर्च नहीं कर सकते। व्यय पर्यवेक्षक अभ्यर्थियों के व्यय की निगरानी करते हैं। इस दौरान मीडिया निगरानी के लिए गठित इकाइयों के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।