रायपुर। रायगढ़ के एक युवक ने मुस्लीम युवती से प्रेम विवाह किया। उसके दो बच्चे भी हुए। लेकिन दस साल बाद वह अचानक अपने बच्चों के साथ गायब हो गई। तलाश के बाद युवक को पता चला कि युवती के परिवार वालों ने उसकी यूपी हाथरस में अपने रिश्तेदारी में ही दूसरी शादी कर दी। युवक ने कोर्ट में दरख्वास्त लगाई तो कोर्ट ने शादी को खारिज कर दिया। लेकिन इसके बाद भी युवती -युवक को वापस नहीं मिली। इस दौरान लड़की के परिवार वालों ने एक मृत्यु प्रमाण पत्र पेश कर लड़की को मृत बता दिया। जिससे पुलिस भी युवक की कोई मदद नहीं कर पा रही है। पीडि़त महिला को जिंदा बताते हुए मृत्यु प्रणाण पत्र को फर्जी बता रहा है। उसका दावा है कि उसकी पत्नी जिंदा है और उसके परिवार वाले उसे उसके पास भेजना नहीं चाहते इसलिए ऐसा षडयंत्र रच रहे हैं। हैरान की बात यह है कि पीडि़त का उसकी पत्नी से दो बच्चे हैं। एक बेटी है जो अब अट्ठारह साल की हो गई है वह खुद से एक अनाथालय में रह रही है। वहीं एक लड़का है जो दिव्यांग है और पीडि़त की बहन के साथ रहता है।
यह पूरा मामला रायगढ़ के मौदहापारा निवासी भुवनेश्वर बरेठ का है। भुवनेश्वर ने 2001-02 में अफरोज बानों पिता आलेनबी से चंद्रपुर में प्रेम विवाह किया था। उसके ससुराल वालों ने एक शपथ पत्र के माध्यम से उसका धर्म परिवर्तन कराकर उसका नाम अल्ताफ कर दिया था। भुवनेश्वर का अफरोज से दो बच्चे भी हुए। इसी दौरान 2012 में उसकी पत्नी दोनों बच्चों के साथ गायब हो गई । खोज खबर लेने पर पता चला कि उसके घरवालों ने उसकी शादी उत्तरप्रदेश में कर दी है। इसके बात युवक ने उसकी शादी को कोर्ट में चुनौती दी। पीडि़त के अनुसार हाईकोर्ट ने शादी को खारिज कर दिया। इसके बाद भी महिला पीडि़त को नहीं मिली। बाद में उसके घरवाले महिला को मृत बता दिया। भुवनेश्वर बरेठ का कहना है कि उसकी पत्नी जिंदा है। उसके पास एक वीडियो है जो उसके जिंदा होने का प्रमाण फिर भी पुलिस उसका सहयोग नहीं कर रही है। वह अपनी पत्नी को वापस पाने पुलिस, सहित मंत्री-मुख्यमंत्री से भी गुहार लगा रहा है, लेकिन कोई मदद नहीं मिल रही है।