इंडोनेशिया के प्रजाति की छिपकली, वन विभाग ने पार्क एरिया के जंगल में छोड़ा

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Update: 2022-04-16 15:21 GMT

जगदलपुर। जगदलपुर शहर के इंड्रस्ट्रीयल एरिया नयामुंडा में स्थित अर्जुन सा मिल परिसर से वन विभाग ने शुक्रवार को इंडोनेशिया में पाए जाने वाली विशालकाय प्रजाति की छिपकली पकड़ी है। उसे कांगेर घाटी नेशनल एरिया में सुरक्षित छोड़ा गया है। बताया गया कि विभागीय जानकारों को कहना है कि यह जीव इंडोनेशिया के जंगलों में पाई जाती है। बस्तर में यह कैसे आई, इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

ये मांसाहारी होता हैं और अपने शिकार को लार से पहले बेहोश कर उसका भक्षण करता है। वन विभाग की ओर से इस जीव के बारे में विशेषज्ञों से राय ली जा रही है। वन विभाग के वन मंडलाधिकारी डीपी साहू ने इस संबंध में बताया कि कोमोडो ड्रेगन यानि विशाल छिपकली को कांगेर वेली में रखा गया है। साथ ही इसके बारे में और जानकारी जुटाई जा रही है। बताया गया कि नयामुंडा के मिल में एक अजीव से छिपकली देखी गई।

इसे देखकर लोगों ने वन विभाग को इत्तला दी। विभाग को स्नेक केचर की मदद से इसे बोतल में वन विभाग से जुड़े वन्यजीवों के जानकार आशीष यादव ने बताया कि यह विशाल छिपकली है, जिसे कोमोडो ड्रेगन कहा जाता है और यह इंडोनेशिया में मिलती है। वह बस्तर में कैसे आई, यह एक रहस्य है पर वक्त रहते कोमोडो ड्रेगन को पकड़ लिया गया। उन्होंने बताया कि यह जीव इंडोनेशिया के जंगल में पाया जाता है।
वयस्क छिपकली की लंबाई आठ से 10 फीट तक लंबी होती है। यह शिकारी जीव है। इसका वैज्ञानिक नाम वारानास कोमोडोएनिस है। बहरहाल इसे कांगेर घाटी नेशनल पार्क एरिया के जंगल में छोड़ा गया है। यह भी कहा जा रहा है कि पहली बार बस्तर में इस प्रकार की छिपकली देखी गई है।

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