रायपुर। भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि हर पिता रिश्ते का फरिश्ता होता है। नई पीढ़ी क्या इन रिश्तों को मान पाएगी, उनका पालन करा पाएगी। निश्चित तौर पर ये किताब नई पीढ़ी को संजीवनी देगी। विधायक अग्रवाल ने उक्त बातें शनिवार को संजय राठी की लिखी पुस्तक 'रिश्तो का फरिश्ता' के विमोचन के दौरान बतौर मुख्य अतिथि कही। शांति राधा फाउंडेशन के तत्वाधान में शनिवार को संजय राठी की लिखी पुस्तक 'रिश्तो का फरिश्ता' का विमोचन हुआ। इस कार्यक्रम के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. महंत रामसुंदर दास, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक तथा हरिभूमि के प्रधान संपादक हिमांशु द्विवेदी थे। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि ये हर पीढ़ी के हर परिवार की महिमा है।
छोटा बेटा माता पिता के प्यारा होता है, इसलिए वह कुछ लिखने की ताकत रखता है। उसकी ताकत विजय और अजय बढ़ाते हैं। हर पिता रिश्ते का फरिश्ता होता है। नई पीढ़ी क्या इन रिश्तों को मान पाएगी, उनका पालन करा पाएगी। निश्चित तौर पर ये किताब नई पीढ़ी को संजीवनी देगी। किताब के लेखक संजय राठी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि में कोई पेशेवर लेखक नहीं, साधारण बेटा हूं जो अपने परिवार से बहुत प्यारा करता हूं। पिता वो रंग हीन तस्वीर है जिसके रंगों से रंगीन उसके औलाद की तस्वीर है। पिता एक अंतहीन अनंत आकाश है। किस्मत वाले हैं वो जिनके पिता उनके पास हैं। पिता मां से भी ज्यादा कोमल होता है, कोमलता मां के हिस्से आ गई और पिता को कठोर बनना पड़ा। पिता की आंखों में जिम्मेदारियों का विशाल समंदर होता है। पिता बरगद के पेड़ के नीचे छांव की तरह होता है। पिता सिर्फ और सिर्फ अपने बच्चों के लिए जीता है। इस किताब की प्रेरणा बाबूजी के जाने कद महसूस किया सच्चा प्रेम क्या होता है। प्रेम आंखों से बयां होता है। जब किताब लिखने का वादा किया तब, मां सबसे ज्यादा खुश हुई।