रायपुर। रायपुर के सबसे बड़े शिवालय महादेव घाट में इन दिनों भारी मात्रा में गंदगी पसरी हुई है। बारिश ने यहां का हाल और बेहाल कर दिया है। खारून नदी के तट की सीढ़ियों पर कई जगह कूड़ा पड़ा हुआ दिख रहा है। इसके अलावा यहां कई जगहों पर बारिश का पानी रुकने से काई की मोटी परत जम गई है, जिस पर पैर पड़ते ही फिसलकर गिरकर बड़ी दुर्घटना की आशंका है। साथ ही नदी में भी बड़ी मात्रा में गंदगी बहती हुई दिख रही है। रायपुरा स्थित महादेव घाट क्षेत्र निगम के जोन-8 के अंतर्गत आता है। यहां हर साल निगम साफ-सफाई के लिए करोड़ों रुपये का टेंडर जारी करता है। उसके बावजूद निगम के ठेकेदार सफाई को लेकर लगातार लापरवाही बरत रहे हैं। इस साल सावन 2 महीनों का है, जिसके चलते खारून नदी के तट पर स्थित हटकेश्वर महादेव मंदिर में हजारों की भीड़ पहुंच रही है। इन दिनों रविवार और सोमवार को करीब 10 से 12 हजार श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आ रहे हैं। वे आसपास नदी के तट पर सैर-सपाटा भी करते हैं। यहां इन पर्यटकों के लिए ठेलों और गुमटी वाले नाश्ता बेचते हैं, जिसे अक्सर ये पर्यटक खाने के बाद कचरे को डस्टबिन में न डालकर इधर-उधर फेंक देते हैं।
यहां मौजूद एक नाव वाले ने बताया कि ज्यादातर लोग खारून नदी की सीढ़ियों पर बैठकर हवा का आनंद लेते हुए खाना-पीना करते हैं, फिर वो कचरा यहीं पर फेंककर चले जाते हैं। इन कचरों में ज्यादातर नाश्ते की प्लेटें, भुट्टे के छिलके पड़े हुए हैं। ऐसा करने से खाने की तलाश करते जानवर भी आसपास ही मौजूद रहते हैं। हटकेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी सुरेश महंत ने कहा कि घाट की तरफ मौजूद ठेले और गुमटी में खाने-पीने वाले लोग कचरे को यहां-वहां फेंक देते हैं। इसके अलावा ठेले के मालिक भी रात में बचे हुए सामानों को नदी में बहा देते हैं, जिससे गंदगी होती है। उन्हें मंदिर प्रशासन ऐसा करने से मना करता है, लेकिन वे नहीं मानते। इस मामले को लेकर जोन- 8 के कमिश्नर अरुण धुव्र ने कहा कि सावन में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए महादेव घाट में निगम दो शिफ्ट्स में साफ-सफाई करवा रहा है। आसपास मौजूद नाश्ते के ठेलों और भुट्टे बेचने वालों को डस्टबिन रखने के लिए निर्देशित किया गया है। पर्यटकों को भी जागरूकता दिखाते हुए खाने-पीने का कचरा तय जगह पर फेंकना चाहिए। गंदगी फैलाने वालों पर कार्रवाई करने की बात भी उन्होंने कही है।