भिलाई। मंत्री और अधिकारियों के नाम पर रौब दिखाकर ठगने का कारोबार जारी है। आए दिन नौकरी लगाने के नाम ठगी होती है। लोग न्यूज में ये सब देखते हैं, बावजूद झांसे में आ जाते हैं। दरअसल, झांसे देने की कला में भी ये आरोपी माहिर होते हैं।
तभी तो ये किसी को नहीं छोड़ते। इस बार जिनकी बातें हम करने वाले हैं वो कोई आम नागरिक नहीं। जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधि है, जिन्हें आरोपियों ने चूना लगा दिया। वो भी 15 लाख रुपए का चूना। मामले में शिकायत दर्ज कराने के बाद एफआईआर हुई और अब आरोपी पकड़ा गया। एक अब भी फरार है।
जामुल पुलिस ने नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले एक आरोपी को पकड़ा है। आरोपी के खिलाफ धारा 420,34 के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है। जामुल टीआई गौरव पाण्डेय ने बताया कि 7 माह पूर्व संतराम वर्मा ने नगर पालिका परिषद जामुल के पार्षद रामदुलार साहू उर्फ गुल्ली से नर्स पद के लिए नौकरी लगाने के नाम पर 15 लाख रुपए लिया था। जिसकी शिकायत पार्षद ने पुलिस से की थी। पुलिस ने संतराम वर्मा ,दुष्यंत वर्मा समेत अन्य पर कार्रवाई कर आरोपियों की तलाश में जुटी रही।
मुखबिर की सूचना पर पुलिस संतराम वर्मा को रविवार को साइबर सेल की मदद से लोकेशन राजनांदगांव मिलने पर टीम भेजकर उसे पकड़ा गया। वहीं फरार दुष्यंत वर्मा का लोकेशन दिल्ली मिला है। जिसकी भी गिरफ्तारी जल्द होने की संभावना जताई जा रही है।
संतराम को जब जामुल पुलिस की टीम पकडने पहुंची तब राजनांदगांव स्थित निवास में छिपकर बैठा हुआ था। पार्षद ने बताया कि अपने पुत्र और भांजी के लिए रुपये दिया था। उसने बताया कि से संतराम ने उसे स्वास्थ्य मंत्री से खासी पहचान होने का झांसा देकर रुपये लिया था।