छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर राज्य सरकार और मुख्य विपक्षी दल की टक्कर
छत्तीसगढ़ में कथित धर्मांतरण को लेकर राज्य सरकार और मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी आमने—सामने है. राज्य सरकार के मंत्री का कहना है कि सरकार आदिवासी क्षेत्रों में धर्मांतरण रोकने के लिये देवगुड़ी (देवताओं का स्थान) को आर्थिक सहायता दे रही है,
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- छत्तीसगढ़ में कथित धर्मांतरण को लेकर राज्य सरकार और मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी आमने—सामने है. राज्य सरकार के मंत्री का कहना है कि सरकार आदिवासी क्षेत्रों में धर्मांतरण रोकने के लिये देवगुड़ी (देवताओं का स्थान) को आर्थिक सहायता दे रही है, वहीं भाजपा ने सरकार पर धर्मांतरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है.
राज्य के आबकारी मंत्री और बस्तर क्षेत्र के प्रमुख आदिवासी नेता कवासी लखमा ने कहा है कि बस्तर क्षेत्र में आदिवासी चर्च न जाकर अपने देवी देवताओं की पूजा कर सके इसलिए देवगुड़ी तथा घोटुल को आर्थिक सहायता दी जा रही है.
लखमा ने सोमवार को संवाददाताओं से बातचीत के दौरान बस्तर क्षेत्र में बड़ी संख्या में धर्मांतरण होने के विपक्ष के आरोपों के मामले में कहा कि यह पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी का राजनीतिक प्रोपेगेंडा है.
संगठन की नाराजगी के कारण लगा रहे आरोप
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के भाजपा नेतृत्व से संगठन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह नाराज हैं और इसलिए अब वह अनाप शनाप आरोप लगा रहे हैं. लखमा ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि भाजपा के 15 वर्ष के शासनकाल के दौरान सुकमा जिले में 30 चर्च का निर्माण किया गया है लेकिन कांग्रेस शासनकाल में वहां एक भी चर्च नहीं बना है.
आबकारी मंत्री ने कहा कि कांग्रेस की सरकार आने के बाद बस्तर में धर्मांतरण न हो इसके लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है तथा आदिवासी चर्च न जाएं इसलिए सरकार देवगुड़ी को पांच—पांच लाख रुपए तथा घोटुल को 10—10 लाख रुपए दे रही है. उन्होंने दावा किया कि हमारी सरकार में दो वर्ष में बिल्कुल भी धर्मांतरण नहीं हुआ है.
बीजेपी ने लगाया धर्मांतरण को बढ़ावा देने का आरोप
इधर राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने राज्य सरकार पर धर्मांतरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. अग्रवाल ने कहा कि मंत्री केवल हवाहवाई बात कर रहे हैं और वह जरा बताएं कि छत्तीसगढ़ के कितने देवगुड़ी और मंदिरों को पांच और दस लाख रुपए दिए गए हैं.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन काल में बस्तर में ही आदिवासियों ने धर्मांतरण के खिलाफ 20 से ज्यादा प्रदर्शन किए हैं. राज्य में रोज धर्मांतरण के कारण प्रदर्शन हो रहे हैं तथा झगड़े हो रहे हैं. यह इस बात को साबित करता है कि सरकार धर्मांतरण को बढ़ावा दे रही है, रोक नहीं रही है.