बिलासपुर। अपने आप को बीएसएनएल का सर्किल अधिकारी बताकर ठगों ने आपरेटर के मोबाइल पर एनीडेस्क एप डाउनलोड करा दिया। इसके बाद उनके बैंक एकाउंट से एक लाख 30 हजार रुपए निकाल लिया। पीड़ित ने इसकी शिकायत सकरी थाने में की है।
इस पर पुलिस जुर्म दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। जांजगीर के चंदनियापारा में रहने वाले पंकज कुमार हिर्री के डोलोमाईट माइंस में आपरेटर हैं। आठ मार्च को उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से काल आया। फोन करने वाले ने खुद को बीएसएनएल का सर्किल अधिकारी बताया।
इसके लिए उसने माइंसकर्मी को अपने मोबाइल पर एनीडेस्क एप डाउनलोड करने के लिए कहा। ठगों के कहने पर उनके भेजे लिंक को ओपन कर उन्होंने अपने मोबाइल पर एप डाउनलोड किया। इसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी दिप्ती कश्यप के खाते से ठगों के बताए एकाउंट में 10 रुपए भेजे।
ट्रांजेक्शन सक्सेस नहीं होने पर जालसाजों ने दूसरे एकाउंट से रुपए भेजने के लिए कहा। इस पर माइंसकर्मी ने अपने खाते से स्र्पये ट्रांसफर किए। ट्रांजेक्शन सक्सेस होने पर जालसाजों ने एप डिलीट करवा दिया। इसके दो दिन बाद शुक्रवार की सुबह उनके खाते से एक लाख स्र्पये पार हो गए। थोडी ही देर बाद उनकी पत्नी के खाते से 30 हजार 700 रुपए निकाल लिए गए।
उन्होंने इसकी जानकारी बैंक में देकर सकरी थाने में शिकायत की है। मामले में पुलिस धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर इसकी जांच शुरू कर दी है। आनलाइन मोबाइल वेरीफिकेशन के लिए ठगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। किसी भी कंपनी द्वारा मोबाइल एप डाउनलोड करने नहीं कहा जाता।
इसके अलावा कोई भी मोबाइल कंपनी वेरीफिकेशन के लिए बैंक संबंधी जानकारी अथवा आनलाइन रुपए नहीं मागती। इसकी जानकारी नहीं होने के कारण लोग लगातार धोखाधड़ी के शिकार हो रहे हैं। इससे बचने के लिए आनलाइन ट्रांजेक्शन के समय जानकार लोगों से पूछताछ कर लेनी चाहिए।