भूपेश ही होंगे सीएम चेहरा और मरकाम होंगे अध्यक्ष

Update: 2023-01-14 06:41 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आइएएस, कारोबारियों और कांग्रेस नेताओं के ठिकानों पर कार्रवाई के बाद एक बार फिर सियासत शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ईडी और आयकर विभाग के छापे को लेकर भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। मुख्यमंत्री ने कहा, केंद्र के पास ईडी और आईटी जैसी एजेंसी ही हथियार है। भाजपा यहां लड़ नहीं पा रही है, इसलिए केंद्रीय एजेंसी का इस्तेमाल कर रही है। बीजेपी का काम सरकार को अस्थिर करना है। सीएम बघेल ने कहा, भाजपा छत्तीसगढ़ में लड़ नहीं पा रही है, और लगातार पदाधिकारी बदले जा रहे हैं। भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के तहत कोरबा रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री बघेल ने रायपुर हेलीपैड में पत्रकारों से चर्चा में यह बातें कहीं। मुख्यमंत्री ने कहा, मैंने पहले ही कहा था कि चुनाव तक ईडी की टीम यहां रहेगी। जहां-जहां चुनाव होते हैं, वहां-वहां ईडी के छापे पड़ते हैं। यहां सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। अधिकारियों और कर्मचारियों को डराने का काम किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी में भ्रष्टाचार के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, भाजपा के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार की जांच क्यों नहीं होती? केंद्र की टीम रमन सरकार में हुए भ्रष्टाचार की जांच करे। भाजपा नेता उसकी शिकायत करें। चिटफंड में कितना बड़ा घोटाला हुआ है। ईडी चिटफंड घोटाले की जांच क्यों नहीं करती? छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आइएएस, कारोबारियों और कांग्रेस नेताओं के ठिकानों पर कार्रवाई की है।

ईडी की टीम शुक्रवार सुबह आइएएस अनबलगन पी के देवेंद्र नगर स्थित सरकारी आवास और भिलाई आवास पर पहुंची। इसके साथ ही पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता अग्नि चंद्राकर के रायपुर और महासमुंद के आवास पर पूछताछ चल रही है। अग्नि चंद्राकर जेल में बंद कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी के ससुर हैं। इसके साथ ही कारोबारी स्वतंत्र जैन, विपुल पटेल सहित अन्य के ठिकानों पर भी ईडी की टीम पहुंची है।

भाजपा के सभी विधायकों की कटने वाली है टिकट

इसी वर्ष नवंबर दिसंबर में प्रस्तावित छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर नेताओं की जुबानी जंग तेज हो गई है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने टिकट को लेकर भाजपा पर निशाना साधा। मुख्यमंत्री ने कहा कि दो दिन पहले ही कह दिया गया था कि भाजपा के सारे बड़े नेता, जितने 14 विधायक बचे हैं, उनको भी टिकट मिलने वाली नहीं है। ये लोग लोकसभा में सबका टिकट काटकर देख लिए। अभी गुजरात में सबका टिकट काट दिए। विधानसभा में सबकी टिकट कटने वाली है तो कैसे अपने आप को बचाएं, इस कवायद में लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने भाजपा नेताओं के दिल्ली दौरे को लेकर पूछे गए प्रश्न पर पत्रकारों से कहा कि सभी टिकट बचाने की कवायद में है।

भूपेश ही होंगे सीएम चेहरा और मरकाम होंगे अध्यक्ष

चुनावी धमाचौकड़ी में जहां राजनीतिक माहौल गरमाने लगा है, वहीं प्रदेश की दोनों प्रमुख पार्टियों ने एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जहां एक ओर कांग्रेस में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ही सीएम चेहरा होंगे, वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम भी दूसरी पारी का परचम लहराएंगे। ताजा राजनीतिक माहौल में भाजपा ने भी कार्यसमिति की बैठक में चुनावी रणनीति बनाने के बाद स्पष्ट कर दिया है कि बिना चेहरे के भाजपा चुनाव मैदान में उतरेगी। प्रदेश भाजपा हाई कमान के दिशा निर्देशन में पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के चेहरे को लेकर चुनाव में आगे बढ़ेगी। जिसकी कमान ओम माथुर संभालेंगे। ओम माथुर ने कांग्रेस को पछाडऩे के लिए कार्यकर्ताओं को चार दिनों तक जीत का मंत्र देकर उनका उत्साहवर्धन किया है। वहीं अमित शाह ने कोरबा ने कांग्रेस को उखाड़ फेंकने के लिए युवा मोर्चा में जोश भर कर गए हैं। लेकिन इसके बाद भी भूपेश की रणनीति के आगे भाजपा अभी पीछे चल रही है। सीएम बघेल के भेंट मुलाकात का भाजपा के पास कोई तोड़ नहीं है। पांच उपचुनाव जीत कर भूपेश बघेल उत्साह से लबरेज है वहीं भूूपेश के तरकश में भाजपा के लिए कई तीर है। मोहन मरकाम को लगातार राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा में बुलाते रहे हैं। और मान सम्मान के साथ अपनी यात्रा में सहयात्री बनाया। जानकार बता रहे हैं कि देश के किसी बड़े नेता या प्रदेश के अध्यक्ष को इतनी तवज्जो राहुल गांधी ने यात्रा के दौरान नहीं दी। वहीं सीएम भूपेश बघेल की भी महती भूमिका यात्रा के दौरान देखने को मिली। भूपेश बघेल पर राहुल गांधी एकतरफा भरोसा करने के साथ उनकी रणनीति अपनाने के तरीके को बेहद गंभीरता से लेते हुए अपनी यात्रा की सफलता को यह मानकर चलते हैं कि भूपेश बघेल के कारण ही यह संभव हो पा रहा है। ऐसे कांग्रेस में बहुत कम नेता हैं जिनपर राहुल गांधी व गांधी परिवार आंख बंदकर भरोसा करते हैं। जिसका परिणाम है कि अखिल भारतीय अधिवेशन छत्तीसगढ़ जैसे छोटे राज्य को भूपेश बघेल के भरोसे पर दिया गया। इसलिए अगामी विधानसभा चुनाव में भूपेश बघेल की राह असान करने के लिए गांधी परिवार पूरी तरीके से राजनीतिक पारी स्वतंत्र होकर खेलने के लिए भूपेश बघेल पर एक बार फिर भरोसा दिखाया है। 

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