मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना के जरिये राज्य के 1497 हाट-बाजारों में ग्रामीणों को मिल रही निःशुल्क स्वास्थ्य जांच, उपचार व दवाईयां
08 प्रकार की स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ही मलेरिया, डेंगू, एचआईव्ही, मधुमेह, एनिमिया, टीबी, कुष्ठ, उच्च रक्तचाप और नेत्र विकारों की जांच
शिशुओं का टीकाकरण व गर्भवती महिलाओं की जांच भी
रायपुर। मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना राज्य के समस्त जिलों एवं विकासखण्डों में संचालित है। योजना के अंतर्गत हाट- बाजार में आने वाले समस्त मरीजों का ओ.पी.डी. आधारित 08 प्रकार की सेवाएं तथा जांच की जा रही है। जांच उपरांत पाए गए व्याधिग्रस्त लोगों को दवाईयों का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है तथा आवश्यकता होने पर उच्च स्तरीय स्वास्थ्य केन्द्रों में संदर्भन कर चिकित्सकीय सेवा प्रदान की जा रही है।
इस योजना के अंतर्गत राज्य में 356 डेडिकेटेड ब्राडिंग वाहन तथा चिकित्सा दल के माध्यम से चिकित्सा सुविधा प्रदाय किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के वनांचलों और ग्रामीण इलाकों के हाट-बाजारों में स्वास्थ्य विभाग की मेडिकल टीमों द्वारा 21 लाख 62 हजार 751 लोगों को इलाज मुहैया कराया गया है।
हाट-बाजारों की क्लिनिक में पहुंचे 19 लाख 60 हजार 270 मरीजों की जांच कर निःशुल्क दवाईयां दी गई हैं। मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना के अंतर्गत जनवरी 2022 तक प्रदेश के 1497 हाट-बाजारों में क्लिनिक लगाकर लोगों को यह सुविधा उपलब्ध कराई गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस दौरान कुल 64 हजार 401 हाट-बाजार क्लिनिक शिविर आयोजित किए गए हैं।
हाट-बाजार क्लिनिक में जरूरतमंदों को निःशुल्क उपचार, चिकित्सीय परामर्श और दवाईयां उपलब्ध कराने के साथ ही मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा मलेरिया, एचआईव्ही, वी.डी.आर.एल., मधुमेह, एनिमिया, टीबी, कुष्ठ रोग, उच्च रक्तचाप और नेत्र विकारों की जांच भी की जा रही है। इन क्लिनिकों में गर्भवती महिलाओं की जांच व शिशुओं का टीकाकरण भी किया जा रहा है।
वर्ष 2019 से शुरू मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना के अंतर्गत अब तक 04 लाख 90 हजार 143 लोगों के उच्च रक्तचाप, 03 लाख 40 हजार 649 लोगों की मधुमेह, 02 लाख 20 हजार 336 लोगों की मलेरिया जांच, 01 लाख 03 हजार 831 लोगों की रक्त-अल्पता (एनिमिया) और 66 हजार 24 लोगों के नेत्र विकारों की जांच की गई है।
हाट-बाजार क्लिनिकों में 20 हजार 563 लोगों की टीबी, 06 हजार 340 लोगों की कुष्ठ और 12 हजार 639 लोगों की एचआईव्ही जांच भी की गई है। इस दौरान 39 हजार 733 गर्भवती महिलाओं की जांच और 11 हजार 871 शिशुओं को टीके भी लगाए गए हैं। हाट-बाजार क्लिनिकों में 49 हजार 917 डायरिया पीड़ितों का भी उपचार किया गया है।