कल बैठक में शामिल होने पटना जा रहे यशवंत सिन्हा, राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष का मंथन तेज
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर देश के सियासी दलों में गहमा-गहमी का माहौल है. एक तरफ एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू लगातार राजस्थान, बिहार और झारखंड के साथ अन्य राज्यों का दौरा कर अपने समर्थन में वोट जुटा रही हैं. वहीं दूसरी ओर एनडीए की सियासी चाल को पंचर करने के लिए विपक्ष भी कई तरह के तिकड़म अपना रहा है.
ताजा मामला यशवंत सिन्हा के शुक्रवार को पटना दौरे को लेकर सामने आया है. सियासी चर्चाओं का बाजार गरम है. कहा जा रहा है कि महागठबंधन के नेता यशवंत सिन्हा के साथ मिलकर एनडीए की सियासी प्लानिंग को पंचर करने की कोशिश करेंगे. लेकिन इसमें कितना कामयाब होंगे, ये कोई नहीं बता रहा है.
शुक्रवार को यशवंत सिन्हा पटना पहुंच रहे हैं. उसके बाद वे राजधानी के मौर्या होटल में तीन बजे के करीब महागठबंधन के नेताओं से रूबरू होंगे. उन्हें संबोधित करेंगे और अपने पक्ष में माहौल बनाएंगे. इधर, कहा जा रहा है कि पटना में महागठबंधन ने साफ फैसला लिया है कि मुर्मू की तरफ एक भी वोट नहीं जाएगा और समर्थन यशवंत सिन्हा को दिया जाएगा. खासकर महागठबंधन के कुछ दल, जैसे की राजद ने अपने प्रदेश कार्यालय में बैठक लेकर इस बात पर सहमति दे दी है कि यशवंत सिन्हा को वोट देना है. वहीं दूसरी ओर कहा जा रहा है कि इसी सिलसिले में यशवंत सिन्हा लालू प्रसाद यादव से भी मिल चुके हैं.
हालांकि, यशवंत सिन्हा को लेकर महागठबंधन में एकजुटता दिख रही है. वहीं एनडीए के कैंडिडेट के आदिवासी और अति पिछड़ा वर्ग से होने को लेकर महागठबंधन के कुछ नेता सुगबुगाहट की रफ्तार में विरोधी स्वर भी बुलंद कर रहे हैं. महागठबंधन के मुर्मू समर्थक नेताओं ने खुलकर कुछ नहीं कहा है लेकिन उनका कहना है कि ये बाजी पहले ही महागठबंधन हार चुका है. क्योंकि मुर्मू के पक्ष में पूरा देश है. वहीं तेजस्वी के नेतृत्व में हुई बैठक में कांग्रेस नेता भी पहुंचे थे. जिसमें कांग्रेस के शकील अहमद, माले के सदस्य धीरेंद्र झा, केडी यादव, भाकपा से राम नरेश पांडेय, ललन चौधरी पहुंचे थे. उसके अलावा बैठक में राजद नेता सांसद मनोज झा, जगदानंद सिंह और आलोक मेहता मौजूद थे. सभी नेताओं ने सिन्हा को समर्थन देने पर सहमति जताई है. महागठबंधन के नेताओं के मुताबिक मौर्या होटल में यशवंत सिन्हा का स्वागत किया जाएगा. इस बैठक में विशेष रणनीति तैयार की जाएगी.